Friday, December 27, 2024
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              CG: कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के बदलते ही अब संगठन स्तर पर बदलाव के संकेत… अंतर्कलह के चलते 1 दर्जन से अधिक जिलाध्यक्ष्यों पर गिर सकती है गाज; रायपुर, दुर्ग, कवर्धा समेत इन जिलों में नई नियुक्ति के आसार

              रायपुर: विधानसभा चुनाव 2023 में हार के 20 दिन बाद पार्टी आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की जगह राजस्थान के नेता सचिन पायलेट को प्रदेश का प्रभारी बना दिया। अब संगठन स्तर पर बदलाव की चर्चाएं तेज हैं। जल्द ही प्रदेश के कई पदाधिकारियों को भी बदला जा सकता है।

              पार्टी के लोगों की माने तो कांग्रेस में मचे घमासान का नतीजा था कि प्रदेश प्रभारी को हटाया गया। आने वाले दिनों में भी प्रदेश स्तरीय समेत जिला स्तर तक के पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जिला कांग्रेस के उन अध्यक्षों को भी हटाया जा सकता है, जहां पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।

              कांग्रेस नेताओं की बैठक (फाइल फोटो)

              कांग्रेस नेताओं की बैठक (फाइल फोटो)

              1 दर्जन से अधिक जिलाध्यक्ष्यों पर गिर सकती है गाज

              चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी नए सिरे से इसकी समीक्षा कर रही है कि किन जिलों में पार्टी को भारी नुकसान हुआ। वहां पर जिला अध्यक्षों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इन जिलों में रायपुर, दुर्ग, कवर्धा, बलौदाबाजार, महासमुंद, बलरामपुर, कोरिया, सरगुजा, रामानुजगंज, बैकुंठपुर, कोरबा, बिलासपुर सहित कई अन्य जिले भी शामिल हैं, जहां पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा। यहां पर संगठन के स्थानीय विधायकों से समन्वय और अन्य मामलों की समीक्षा की जा रही है।

              पुराने अध्यक्ष की नियुक्ति

              पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज की नियुक्ति चुनाव के चार माह पहले हुई थी। उसके पूर्व पीसीसी की कमान मोहन मरकाम के हाथों में थी। उन्होंने संगठन में अपने अनुसार जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। नए अध्यक्ष के आने के बाद जगदलपुर और एक-दो जगहों के जिला अध्यक्षों को बदला गया।

              कांग्रेस में अंतर्कलह उफान पर

              छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह उफान पर है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को खड़ा करना। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश कांग्रेस के अंतर्कलह उफान पर है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को खड़ा करना।




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