Thursday, May 2, 2024
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Chhattisgarh: पैंगोलिन की तस्करी करते आरोपी गिरफ्तार.​​​​​​.. 12 लाख रुपए में हुआ था दुर्लभ वन्यजीव का सौदा; पति- पत्नी, दामाद समेत 5 लोगों को पुलिस ने दबोचा, जानिए दुनियाभर में क्यों होती है इसकी स्मगलिंग

Kanker: कांकेर जिले में वन विभाग (Forest department) ने पैंगोलिन (pangolin) की तस्करी करते हुए पति, पत्नी और दामाद समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पैंगोलिन कोयलीबेड़ा के एक किसान के खेत में पहुंच गया था। जिसके बाद किसान (Farmer) ने वन विभाग को सूचना देने के बजाय उसे अपने घर में छिपाकर रख लिया था और उसे बेचने की फिराक में था। भानुप्रतापपुर में आरोपियों ने पैंगोलिन का 12 लाख रुपए में सौदा किया था।

भानुप्रतापपुर रेंजर देवलाल दुग्गा ने बताया कि कोयलीबेड़ा गांव में किसान सहदूराम के खेत में दुर्लभ (rare) पैंगोलिन पहुंच गया था। किसान ने उसे पकड़ लिया। वो उसे खाने के लिए अंडे भी दे रहा था। किसान ने इसकी जानकरी पालारास निवासी अपने दामाद देवानंद को दी। ससुर-दामाद ने पैंगोलिन को बेचने का प्लान बनाया। इसमें दामाद ने अपने दो साथियों राजेंद्र राजपूत और धनवीर को भी शामिल कर लिया। उसने दोनों को भानुप्रतापपुर पहुंचाने पर 10 हजार रुपए देने की बात कही थी।

5 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में।

5 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में।

तीनों ने कोयलीबेड़ा पहुचकर पेंगोलिन को कार क्रमांक एपी 39एचबी 6634 में रखकर भानुप्रतापपुर की ओर निकले थे। इसकी सूचना मुखबिर के माध्यम से वन विभाग को मिली। वन विभाग की टीम ने खांडी नदी के पास घेराबंदी कर कार को रोका। कार की तलाशी लेने पर उसमें से जिंदा पैंगोलिन बरामद हुआ। वन विभाग ने ने कार में सवार पति-पत्नी और दामाद समेत 5 लोगों को पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया।​​​​​​​ भानुप्रतापपुर रेंजर देवलाल दुग्गा ने बताया कि पांचों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पैंगोलिन को किसान ने छिपाकर रखा था।

पैंगोलिन को किसान ने छिपाकर रखा था।

पैंगोलिन की तस्करी दुनिया में सबसे ज्यादा

पैंगोलिन नेपाल, श्रीलंका, भूटान और भारत के पहाड़ी और हल्के मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में इसे सल्लू सांप भी कहा जाता है। यह एक विलुप्त दुर्लभ प्रजाति का जीव है, जो ज्यादातर एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करोड़ों रुपए में होने के कारण भी पेंगोलिन की तस्करी जमकर की जाती है।

खासतौर पर इसकी डिमांड चीन में सबसे ज्यादा है, जो दवाई बनाने में पैंगोलिन के खाल और मांस का इस्तेमाल करते हैं। पैंगोलिन धरती पर लगभग 60 मिलियन सालों से महज चीटियां खाकर अपना जीवनयापन करता आ रहा है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के मुताबिक, दुनियाभर में वन्य जीवों की अवैध तस्करी के मामले में अकेले ही 20 फीसदी योगदान पैंगोलिन का है। यह एक ऐसा जीव है, जिसकी तस्करी पूरी दुनिया में सबसे अधिक होती है।

पैंगोलिन के एक किलो मांस की कीमत 27 हजार रुपए।

पैंगोलिन के एक किलो मांस की कीमत 27 हजार रुपए।

शरीर पर कड़ी और सुनहरी-भूरी स्केल्स वाले इन जीवों का मांस भी खूब शौक से खाया जाता है। एक किलो पैंगोलिन के मांस की कीमत करीब 27,000 रुपये तक होती है। वेट मार्केट में दूसरे कम कीमत के सस्ते जीवों के साथ पैंगोलिन नहीं बिकता, बल्कि महंगे रेस्त्रां ही इसे बेचते या पकाते हैं।

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