गरियाबंद: छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में EOW की टीम ने निलंबित IAS रानू साहू के भाई को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि EOW के अफसरों ने पीयूष को घर से भागते वक्त दौड़ाकर पकड़ा है। इस दौरान EOW की करीब 7-8 लोगों की टीम मौजूद थी।
जानकारी के मुताबिक पांडुका गांव से EOW की टीम ने पीयूष को हिरासत में लिया है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव में एक अनजान व्यक्ति कई दिनों से निगरानी कर रहा था। जब शुक्रवार को पीयूष घर पहुंचा, तो अचानक 1-2 घंटे के अंदर 7-8 लोग गाड़ी से पहुंचे और घर की घेराबंदी कर दी।
गरियाबंद से पीयूष साहू को EOW ने हिरासत में लिया है।
खेत ही खेत दौड़ाती रही EOW की टीम
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक पीयूष को जैसे ही इसकी भनक लगी, तो वह घर से पिछले हिस्से से दीवार फांदकर भागने लगा। इस दौरान EOW की टीम करीब आधे घंटे तक पीयूष को खेत ही खेत दौड़ाती रही। भागम-भाग के बाद शाम करीब 5 बजे EWO की टीम ने पीयूष को पकड़ लिया।
नोटिस के बाद भी पेश नहीं हो रहा था पीयूष
बताया जा रहा है कि EOW ने पूछताछ के लिए पेश होने पीयूष को नोटिस भेजा था, लेकिन पीयूष लगातार इस नोटिस का जवाब नहीं दे रहा था। इसके बाद EOW ने प्लानिंग के साथ उसे पकड़ लिया। EOW की टीम पीयूष साहू को हिरासत में लेकर रायपुर निकल गई है।
रानू साहू पहले जेल में बंद थी गुरुवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद EOW को रिमांड दे दी है।
गुरुवार को ही EOW को रानू साहू की रिमांड मिली है
कोयला घोटाला केस में EOW को रानू साहू और सौम्या चौरसिया की रिमांड मिल गई है। दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर EOW की टीम रायपुर स्पेशल कोर्ट पहुंची थी। यहां टीम ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी। हालांकि कोर्ट से 4 दिन की ही रिमांड मिली है।
EOW अब 27 मई तक दोनों से कोयला घोटाला केस में पूछताछ करेगी। इससे पहले तक निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थीं। गुरुवार को जज अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट ने दोनों की रिमांड EOW को सौंप दी है।
समझें कि क्या है कोल स्कैम
- ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
- इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED की जांच के दायरे में रहे। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए। ED ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है।
- कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। ये वसूली सिंडीकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है।
(Bureau Chief, Korba)