दुर्ग: जिले में दूसरे की जमीन को अपनी बताकर बेचने के नाम पर एक बीएसपी कर्मचारी से 10 लाख की ठगी की गई। पुलिस ने कांग्रेस पार्षद संजय देशलहरे को गिरफ्तार किया है। कोर्ट के आदेश पर 4 महीने पहले ही FIR दर्ज हुआ था। लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई थी। घटना जामुल थाना क्षेत्र की है।
टीआई केशव कोशले ने बताया कि साल 2019 में पार्षद संजय देशलहरे ने जामुल में 5 हजार वर्गफीट दूसरी की जमीन को बीएसपी कर्मी से 20 लाख में सौदा किया था। सौदा होने के बाद पीड़ित ने 8 मई 2019 को आरोपी पार्षद को आरटीजीएस के माध्यम से 7 लाख रुपए और 3 लाख नकद दिया था। बाकी 10 लाख जमीन की रजिस्ट्री के समय देने की बात तय हुई थी।
एक साल बाद भी रजिस्ट्री नहीं कराने पर हुआ संदेह
आरोपी पार्षद ने पीड़ित से कहा था कि वो एक साल के भीतर जमीन की रजिस्ट्री करवा देगा, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी आरोपी ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई। पीड़ित बीएसपी कर्मी ने पार्षद से जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए बोला, तो आरोपी लगातार टाल मटोल कर उसे घुमाता रहा।
संदेह होने पर पीड़ित ने जमीन के बारे में जानकारी जुटाई, तो उसे पता चला कि वह जमीन संजय देशलहरे के नाम पर नहीं, बल्कि किसी और के नाम पर है। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की।
कोर्ट के आदेश पर हुई एफआईआर
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद न्यायालय में याचिका दायर की गई। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। जिस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
सत्ता के प्रभाव के चलते नहीं हो पाया गिरफ्तार
आरोपी पार्षद के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एफआईआर तो दर्ज कर लिया, लेकिन सत्ता के प्रभाव के चलते उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। सत्ता परिवर्तन के बाद शुक्रवार देर शाम उसे गिरफ्तार कर लिया। जिसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
(Bureau Chief, Korba)