राजनांदगांव: जिले के डोंगरगढ़ में थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार का विदाई समारोह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। उनका बिलासपुर ट्रांसफर होने पर उन्हें इस तरह से विदाई दी गई, जिस तरह का फेयरवेल बड़े-बड़े अधिकारियों को भी नहीं मिलता होगा। टीआई साहब ब्लैक गॉगल में कार की सन रूफ को हटाकर खड़े नजर आए।
अपनी वर्दी और काले चश्मे में वे मुस्कुराते और हाथ हिलाते हुए नजर आए। उनकी विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार की कार को पुलिसकर्मी घेरकर खड़े हैं, साथ ही कई पुलिस जवान भंगड़ा करते और नाचते-गाते भी नजर आए। ढोल-बाजे के साथ थाना प्रभारी का विदाई जुलूस निकाला गया।
टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार ब्लैक गॉगल में कार की सन रूफ को हटाकर खड़े नजर आए।
डोंगरगढ़ थाने में महज 10 महीने तक पदस्थ रहे थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार की विदाई समारोह को पुलिस स्टाफ और शहर के लोगों ने यादगार बना दिया। ग्रैंड विदाई में पुलिस जवानों ने टीआई की कार को दुल्हन की तरह सजाया और उसमें सवार टीआई कार की छत से बाहर आकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते रहे। ऐसा लग रहा था जैसे कोई जनप्रतिनिधि चुनाव जीतकर जनता का अभिवादन कर रहा हो।
कई पुलिस जवान भंगड़ा करते और नाचते-गाते भी नजर आए।
टीआई के विदाई समारोह को देखने लोग भी सड़क पर रुक गए। कार के अगल-बगल और पीछे पुलिस के जवान पैदल चलते रहे। ऐसा नजारा पहली बार दिखा, जब किसी टीआई के तबादले पर इस तरह की विदाई दी गई हो। टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार महज 10 महीने पहले ही डोंगरगढ़ थाने में पदस्थ हुए थे। इतने कम समय के कार्यकाल में उन्होंने अपनी कार्यशैली से अपने स्टाफ के दिलों में तो जगह बनाई ही, साथ ही शहर के लोगों में कार्य कुशलता और व्यक्तिगत व्यवहार से अपनी अमिट छाप छोड़ गए।
ग्रैंड विदाई में पुलिस जवानों ने टीआई की कार को दुल्हन की तरह सजाया।
थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार का तबादला बिलासपुर के लिए हुआ है। तबादले से पहले उन्होंने थाना परिसर में भगवान शिव और हनुमान मंदिर निर्माण कराने का संकल्प लिया था, जिसे पूरा करने के बाद उन्होंने हनुमान जयंती पर प्राण-प्रतिष्ठा कराई। इसके बाद भंडारा भी करवाया।
उन्होंने थाना परिसर में भगवान शिव और हनुमान मंदिर निर्माण कराने का संकल्प लिया था, जो पूरा किया।
पहले भी बिलासपुर में पोस्टेड रह चुके हैं थाना प्रभारी स्वर्णकार
इसी दिन नए टीआई एमन साहू को चार्ज देकर वे बिलासपुर के लिए रिलीव हुए। टीआई स्वर्णकार के तबादले की खबर के बाद से उनको सम्मानित करने शहर के अलग-अलग संगठनों के लोग दिनभर थाना पहुंचते रहे। टीआई इससे पहले भी बिलासपुर में पोस्टेड रह चुके हैं। यहां लॉकडाउन के समय एक पेट्रोल पंप कर्मी की पिटाई के बाद उन्हें लाइन अटैच किया गया था। इसके बाद वकील के साथ बदसलूकी मामसे में उनका बीजापुर ट्रांसफर हुआ, लेकिन आदेश रोक लिया गया। कुछ दिन बाद डोंगरगढ़ और फिर से बिलासपुर ट्रांसफर हो गया है।
हंसते-मुस्कुराते और लोगों से मिलते नजर आए थाना प्रभारी सुरेंद्र स्वर्णकार।
पुलिस स्टाफ का कहना था कि अपने करियर में उन्होंने कई थाना प्रभारियों के साथ काम किया, लेकिन महज 10 महीने में टीआई सुरेंद्र स्वर्णकार ने जवानों को एक नई ऊर्जा दी। उनके दुःख व तकलीफों को समझा और जनता व पुलिस के बीच एक बेहतर समन्वय स्थापित करने का मार्ग दिखाया। विदाई के दौरान जवानों की आंखें नम भी थीं, क्योंकि थाना प्रभारी स्वर्णकार अपना लंबा समय डोंगरगढ़ में नहीं दे पाए, लेकिन कम समय में लोगों के बीच अपनी एक अलग जगह बनाकर चले गए।