अजमेर: बेटी से पिता ने मोबाइल वापस लिया तो उसने सुसाइड कर लिया। लड़की 11वीं क्लास में पढ़ती थी। मोबाइल वापस लेने के बाद से वह डिप्रेशन में चल रही थी। मामला अजमेर के क्रिश्चियन गंज इलाके का शुक्रवार रात का है।
प्रगति नगर, कोटड़ा निवासी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव(एमआर) राहुल शर्मा की 16 साल की बेटी पारुल शर्मा ने शुक्रवार देर रात 1 बजे रस्सी से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। चाचा उदित शर्मा ने बताया- पारुल के पिता अपने काम से भीलवाड़ा गए हुए थे। देर रात वापस आने वाले थे। घरवाले उनका इंतजार कर रहे थे। बेटी पारुल नीचे अपने कमरे में थी। मां पार्वती और छोटा भाई मुकुल ऊपर वाले कमरे में थे।
पिता घर पहुंचे तो बेटी के रूम का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा काफी देर तक नहीं खोला तो गेट तोड़कर कमरे में एंट्री ली। पिता ने देखा की बेटी फंदे पर लटकी हुई है। घरवालों ने बच्ची को नीचे उतारा और जेएलएन अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
स्टूडेंट के पिता राहुल को बेटी के ज्यादा मोबाइल यूज करना पसंद नहीं था। जिसके बाद उसका मोबाइल वापस ले लिया था।
शनिवार सुबह क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस मोर्च्युरी पहुंची। घरवालों से घटना की जानकारी ली। ASI राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि बच्ची के पास से सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमाॅर्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। मृतक के पिता के अनुसार बेटी से मोबाइल ले लिया था। मोबाइल वापस नहीं देने के कारण डिप्रेशन में आकर सुसाइड किया है। हालांकि मामले में जांच की जा रही है।
पिता को सोशल मीडिया नहीं था पसंद
पिता राहुल ने बताया कि उनकी बेटी पारुल पढ़ाई में इंटेलिजेंट थी। पिछले कुछ दिनों से वह मोबाइल की आदी हो गई थी। बेटी के सोशल मीडिया पर रहना उन्हें पसंद नहीं था। 10 दिन पहले बेटी से मोबाइल ले लिया था। जिसके बाद से वह गुमसुम और डिप्रेशन में रहने लगी। कई बार उसने अपनी मां से कहा भी था कि पापा से मोबाइल दिलवा दो।
बच्ची के सुसाइड की जानकारी मिलने पर पुलिस परिवार वालों से घटना की जानकारी लेने पहुंची।
नामी स्कूल में स्कूल में पढ़ती थी
राहुल ने बताया कि उनकी बेटी पारुल अजमेर के एमपीएस स्कूल की छात्रा थी। 11वीं क्लास में पढ़ाई कर रही थी। दसवीं क्लास में उसके 92 % मार्क्स आए थे।
पिता से कई बार मोबाइल वापस मांगा था
चाचा उदित ने बताया कि पारुल के पिता राहुल ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने पर नाराज होकर वापस लिया था। इसके बाद से पारुल उदास रहती थी। वह बीच-बीच में पिता से बातचीत करती थी। मोबाइल वापस देने की जिद करती थी। पिता ने उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए मोबाइल नहीं दिया।