वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच पहले की खास दोस्ती अब खत्म हो चुकी है।
ब्रिटिश मीडिया LBC को दिए इंटरव्यू में बोल्टन ने ट्रम्प की नीति की आलोचना करते हुए कहा, ‘व्हाइट हाउस ने अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है, जिससे मोदी रूस और चीन के करीब आ गए हैं। चीन ने खुद को अमेरिका और ट्रम्प के विकल्प के रूप में पेश किया है।’
बोल्टन ने इसे एक बड़ी गलती है बताया। उन्होंने कहा- इसे अब ठीक नहीं किया जा सकता, क्योंकि स्थिति बहुत खराब हो चुकी है।
ट्रम्प की दोस्ती बुरे हालात से नहीं बचा पाएगी
ब्रिटिश मीडिया LBC को दिए इंटरव्यू में बोल्टन ने कहा-
ट्रम्प और मोदी के बीच पहले बहुत अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब वह खत्म हो गई है। यह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर जैसे सभी नेताओं के लिए एक सबक है, कि ट्रम्प के साथ अच्छी दोस्ती कभी-कभी मदद कर सकती है, लेकिन यह आपको बुरे हालात से नहीं बचाएगा।
बोल्टन की ये चेतावनी ट्रम्प की ब्रिटेन यात्रा से पहले आई है। ट्रम्प 17 से 19 सितंबर तक ब्रिटेन दौरे पर रहेंगे।
भारत पर 50% टैरिफ अमेरिका की ‘भारी भूल’
इससे पहले अगस्त में बोल्टन ने CNN को दिए एक इंटरव्यू में भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने के फैसले को ‘भारी भूल’ बताया था। उन्होंने ने आशंका जाहिर की है कि रूस को कमजोर करने के लिए भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ कहीं उल्टा न पड़ जाए।
उन्होंने कहा था कि अमेरिका, भारत को रूस और चीन से दूर रखने के लिए कई साल से कोशिश कर रहा था लेकिन अब वह कोशिश कमजोर पड़ चुकी है।
भारत पर 27 अगस्त से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लागू है। इससे भारत पर कूल टैरिफ 50% हो गया है।
बोल्टन बोले- दोस्त-दुश्मन पर एक जैसा टैरिफ लगाना ‘गलती’
बोल्टन ने अमेरिकी अखबार द हिल में लिखा था कि व्हाइट हाउस टैरिफ और दूसरे शर्तों में चीन के प्रति भारत से ज्यादा नरमी दिखा रहा है, जो कि एक गंभीर गलती है।
उनके मुताबिक, ‘दोस्त और दुश्मन दोनों पर एक समान टैरिफ लगाने’ से अमेरिका का वो भरोसा और आत्मविश्वास कमजोर हुआ है, जिसे बनाने में दशकों लगे थे और बदले में बहुत कम आर्थिक फायदा मिला है, जबकि बड़े नुकसान का खतरा बढ़ गया है।
बोल्टन ट्रम्प की नीतियों के आलोचक रहे हैं
बोल्टन ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में अमेरिकी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। वे पिछले कुछ महीनों से ट्रम्प की नीतियों की लगातार आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि अमेरिकी सरकार बिजनेस और सुरक्षा के मुद्दों को अलग-अलग तरीके से देख रही है, जबकि भारत जैसे देशों के लिए दोनों चीजें जुड़ी हुई हैं।
अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पैडिला ने भी चेतावनी दी कि यह टैरिफ भारत-अमेरिका संबंधों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। भारत हमेशा अमेरिका को शक की निगाह से देखेगा और कभी भी इन टैरिफ को नहीं भूलेगा।

(Bureau Chief, Korba)