Saturday, May 4, 2024
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BCC News 24: छत्तीसगढ़ बड़ी खबर- गहलोत, CM बघेल से बोले- राजस्थान की मदद करें.. राजस्थान के मुख्यमंत्री बोले- कोयला नहीं मिला तो ब्लैक आउट हो जाएगा, भूपेश का जवाब- नियम के मुताबिक काम करेंगे

रायपुर: शुक्रवार को राजस्थान के CM अशोक गहलोत रायपुर पहुंचे। रायपुर में मुख्यमंत्री आवास में 3 से 4 घंटे तक उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद अशोक गहलोत की मांग पर कोई स्पष्ट फैसला छत्तीसगढ़ सरकार ने नहीं दिया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इतना जरूर कहा कि राजस्थान को भारत सरकार द्वारा आबंटित कोयला खदान के संबंध में पर्यावरण और स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। दरअसल राजस्थान छत्तीसगढ़ पर कोयले के लिए आश्रित है। यहां राजस्थान को कोल ब्लॉक दिया गया है मगर छत्तीसगढ़ ने अपनी स्वीकृति नहीं दी है। इसी स्वीकृति की मांग करने गहलोत रायपुर आए थे।

ये हुआ बैठक में
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला खदानों के संचालन और राजस्थान के जल्द कोयले की आपूर्ति के संबंध में कार्यवाही करने का अनुरोध किया। गहलोत ने कहा कि राजस्थान के लोगों की तरफ से वे बड़ी उम्मीद लेकर छत्तीसगढ़ आए हैं, हमारा प्रदेश संकट में है और चिंतित भी है कि आने वाले समय में क्या होगा। यदि छत्तीसगढ़ से मदद नहीं मिलती है तो राजस्थान में ब्लैक आउट की स्थिति बन जाएगी। इसलिए उन्हें खुद यहां आना पड़ा है। राजस्थान में संकट की घड़ी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संबंध में जल्द फैसला लेगी। इस संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ हमारी मदद कर सकता है। यहां हम बड़ी उम्मीद लेकर आए हैं।

4500 मेगावाट के प्लांट बंद हो जाएंगे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को आबंटित कोयला खदानों में खनन गतिविधि प्रारंभ करने के लिए लंबित मंजूरी जल्द देने का आग्रह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान में कोयले की कमी के कारण गंभीर बिजली संकट पैदा हो गया है। यदि छत्तीसगढ़ से मदद नहीं मिलती है तो राजस्थान में 4500 मेगावाट क्षमता के प्लांट बंद हो जाएंगे। वहां बिजली की सप्लाय पूरी तरह से ठप हो सकती है। यही वजह है कि कोयला देने की मांग लेकर खुद मुख्यमंत्री गहलोत CM बघेल से मिलने पहुंचे।

छत्तीसगढ़ सरकार का रुख
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजस्थान को जो कोल ब्लाक आबंटित हुआ है। उस पर विधिवत कार्यवाही की जा रही है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। खदान आबंटन के बाद पर्यावरण की स्वीकृति के साथ भारत सरकार और राज्य सरकार की गाइड लाइन पूरा करना होता है। पर्यावरण और स्थानीय लोगों के हितों का भी ध्यान रखना पड़ता है। राज्य सरकार ने पर्यावरण और स्थानीय लोगों के हितों से कभी समझौता नहीं किया। इन विषयों को लेकर राज्य सरकार हमेशा गंभीर रही है।

CM बघेल ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री इस विषय पर चर्चा करने छत्तीसगढ आए हैं। इस पूरे प्रकरण में पर्यावरण, स्थानीय लोगों के हितों और क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखकर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। इसकी प्रक्रिया प्रगति पर है। नियमानुसार ही खदानों का संचालन किया जाएगा। इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

बिना छत्तीसगढ़ की मंजूरी के नहीं हो सकता खनन
केन्द्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और कोयला मंत्रालय ने परसा कोल ब्लॉक से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति के लिए आवश्यक स्वीकृति दे दी है। अब द्वितीय चरण में वन से संबंधित स्वीकृति छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष विचाराधीन है। इसी सिलसिले में राजस्थान के CM ने रायपुर आकर जोर लगाया कि उन्हें स्वीकृति मिल जाए। गहलोत मान रहे थे कि शुक्रवार को छत्तीसढ़ सरकार से मंजूरी लेकर लौटेंगे, मगर इतनी जल्दी बात बनती दिख नहीं रही। राजस्थान का अधिकांश भू-भाग रेगिस्तानी है, जहां बिजली उत्पादन के लिए ना तो हाईड्रो पावर उपलब्ध है और ना ही कोयला उपलब्ध है, छत्तीसगढ़ की जमीन ही वहां बिजली बनाने के लिए कोयला देती है।

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