बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रविवार को अवकाश के दिन सुनवाई करते हुए जांजगीर-चांपा के कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है। कलेक्टर ने राहौद के नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए आदेश जारी कर सोमवार को बैठक बुलाई थी। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष को राहत मिल गई है।
जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर के आदेश को चुनौती देते हुए नगर पंचायत राहौद की अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। नगर पंचायत उपाध्यक्ष व पार्षदों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगा कलेक्टर से शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर ने अध्यक्ष सत्या राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आदेश जारी कर दिया था। इसके अनुसार 30 मई को बैठक बुलाने व मतदान की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे।
याचिका में कलेक्टर के आदेश को बताया अवैधानिक
याचिकाकर्ता नगर पंचायत अध्यक्ष ने कलेक्टर के आदेश को अवैधानिक बताया है। याचिका में कहा गया है कि भ्रष्टाचार का आरोप है, तो उसकी जांच करानी चाहिए। इसी तरह अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाने के पहले नगर पंचायत अध्यक्ष को सुनवाई का मौका देते हुए उनका पक्ष लिया जाना था। कलेक्टर ने अवैधानिक रूप से अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए सुनवाई का मौका दिए बिना ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक तय कर दिया।
रविवार को अवकाश के दिन हुई सुनवाई
याचिकाकर्ता के वकील ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय में अर्जेंट हियरिंग के लिए आवेदन लगाया। इसमें बताया गया कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। ऐसे में कलेक्टर के आदेश पर रोक लगाने और याचिकाकर्ता को राहत देने के लिए हाईकोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत है। उनके इस आवेदन पर रविवार को वर्चुअल सुनवाई के लिए जस्टिस संजय के अग्रवाल व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच गठित की गई।