रायपुर: नक्सल मामले में मंत्रालय में हाईलेवल मीटिंग हुई। बैठक के बाद सीएम साय ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में जब से आई है तब से नक्सलवाद के साथ लड़ाई मजबूत हुई है। इसकी बौखलाहट नक्सलियों में है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद समाप्त होगा। 23 साल के इतिहास में जहां फोर्स नहीं पहुंच पाई वहां पुलिस कैंप खोले जाएंगे।
मंत्रालय में बुधवार रात कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद हुई इस मीटिंग में सीएम साय के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा के साथ कई बड़े अफसर मौजूद रहे।
बैठक में सीएम साय के साथ मौजूद अफसर।
जहां अब तक कैंप नहीं वहां पहुंचेगी फोर्स
मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि भाजपा सरकार का फोकस उन इलाकों में पुलिस कैंप खोलना होगा जहां 23 साल के छत्तीसगढ़ के इतिहास में कैंप नहीं खुले। सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर के ऐसे कई अंदरूनी इलाके हैं जहां अब भी नक्सलियों की सरकार चलती है। सरकार वैसी जगहों पर फोर्स के कैंप बढ़ाने जा रही है।
सुरक्षा कैंप जो लगातार नए-नए स्थापित होने से उसके आसपास के गांव के लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं। उन गांवों में भी सड़क बने, उनको पक्के मकान मिले, उनके मकान में बिजली पानी पहुंचे, गैस के सिलेंडर पहुंचे, राशन पहुंचे सुरक्षा कैंप स्थापित होने का यह मतलब है। लेकिन नक्सलियों को यह अच्छा नहीं लगता है कि गरीबों के पास सरकार की यह सुख सुविधा पहुंचे। इसलिए कैम्प का विरोध करते हैं।
कांग्रेस कार्यकाल में नहीं हुआ काम
मुख्यमंत्री ने कहा- पिछली सरकार ने गंभीरता से नक्सलवाद की समस्या पर काम नहीं किया। कांग्रेस इस समस्या से लड़ाई नहीं लड़ पाई और इसी का परिणाम है कि आज नक्सलियों का हौसला बुलंद हुआ है। जहां अब तक फोर्स नहीं पहुंची वहां खुलेंगे और कैम्प।
सात से आठ नक्सली मारे गए- सीआरपीएफ डीजी
इधर हमले के बाद बुधवार को पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी टेकलगुड़म कैंप पहुंचे और यहां तैनात जवानों की हौसलाआफजाई की। डीजीपी अशोक जुनेजा, अतिरिक्त महानिदेशक सीआरपीएफ मध्य जोन अमित कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल अभियान विवेकानंद सिन्हा सहित अन्य अफसरों ने हमले के स्थान को देखा।
यहां नक्सलियों से मुकाबला करने वाले जवानों से बातचीत की। इस दौरान जवानों ने अफसरों को बताया कि करीब चार घंटे की इस मुठभेड़ में सात से आठ नक्सली भी मारे गए हैं। जवानों से मुलाकात के बाद डीजीपी ने कहा कि नक्सल समस्या से मुक्ति दिलाने व शांति, सुरक्षा और विकास के लिए पुलिस और सभी सुरक्षा बल संकल्पित हैं। घटना के बाद भी कैंप यहीं मौजूद रहेगा और मजबूती से इलाके में काम करेगा।”
CM ने कहा- खून के कतरे-करते का लेंगे हिसाब
इससे पहले बुधवार सुबह CM साय बस्तर पहुंचे और शहीद तीनों जवानों को CRPF करनपुर कैंप में श्रद्धांजलि दी। CM साय ने कहा कि नक्सलियों से जवानों के खून के कतरे-कतरे का हिसाब लिया जाएगा। इस दौरान डिप्टी CM विजय शर्मा भी मौजूद थे।
CM साय ने कहा कि, आम जनता तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए शासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने नए कैंप बनाए जा रहे हैं, जिससे नक्सली बौखलाए हुए हैं और कायराना हरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, शहीद जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
बस्तर में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते सीएम विष्णुदेव साय।
उन्होंने कहा कि, हम इन जन विरोधी, विकास अवरोधक नक्सलियों से लड़ाई दृढ़ता से जारी रखेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 201 कोबरा बटालियन के जवानों से मुलाकात की और उनके साहस व जज्बे की सराहना करते हुए मनोबल बढ़ाया।
गृह ग्राम भिजवाई गई शहीद जवानों की पार्थिव देह
शहीद जवानों देवेन सी., पवन कुमार और लम्बाधर सिंघा के पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम के लिए रवाना किए गए। देवेन सी. का पार्थिव शरीर ग्राम मोटूर जिला वेल्लूर तमिलनाडु, शहीद पवन कुमार का ग्राम कुपावली जिला भिंड मध्यप्रदेश और 150वीं बटालियन के शहीद जवान लम्बाधर सिंघा की पार्थिव देह ग्राम काकरागांव जिला चिंटांग असम के लिए भिजवाई गई।
नक्सल हमले में घायल जवानों का चल रहा इलाज।
घात लगाए नक्सलियों ने किया था हमला
सुकमा के जोनागुड़ा-अलीगुड़ा क्षेत्र में मंगलवार को कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के जवान संयुक्त रूप से सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर 3 से 4 बजे के बीच घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुंहतोड़ जवाब दिया।
मुठभेड़ में जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की आड़ लेकर भाग निकले। इस मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए, जबकि 15 जवान घायल हुए थे। वहीं बस्तर IG पी. सुंदरराज का दावा किया कि जवाबी कार्रवाई में 6 नक्सली भी मारे गए हैं। उनके शवों के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।
रायपुर आईजी रतन लाल डांगी ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री नारायणा अस्पताल में भर्ती चार जवान में से एक जवान को गोली लगी है। बाकी तीन जवान को छर्रे लगे हैं। सीआरपीएफ के घायल जवान वेंकटेश को 2 गोली जांघ में लगी है। 1 स्पिकलर पेट में लगा है, जिससे स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घायल जवान राजेश पांचाल को हाथ में गोली लगी है।
शहीद जवानों के नाम
- देवन सी, आरक्षक, 201 कोबरा
- पवन कुमार, आरक्षक 201 कोबरा
- आरक्षक लाम्बधर सिन्हा, 150 सीआरपीएफ
नक्सली हमले में शहीद हुए 201 कोबरा बटालियन के जवान देवन सी।
हमले में 201 कोबरा बटालियन के आरक्षक पवन कुमार शहीद हो गए।
घायल जवानों के नाम
- राउत ओमप्रकाश- कोबरा बटालियन C-201
- हरेंद्र सिंह- कोबरा बटालियन C-201
- खड़ेकर रामदास- कोबरा बटालियन C-201
- गोपीनाथ बासू भातरी- कोबरा बटालियन C-201
- टी. मधु कुमार – कोबरा बटालियन B-201
- मलकीत सिंह- कोबरा बटालियन B-201
- सिपाही लांबा- कोबरा बटालियन B-150
- राजेश पंचाल- कोबरा बटालियन C-201
- मनोज नाथ- कोबरा बटालियन C-201
- मो. इरफान- कोबरा बटालियन C-201
- ई. वेंकटेश- कोबरा बटालियन C-201
- विकास कुमार- कोबरा बटालियन C-201
- अविनाश शर्मा- कोबरा बटालियन B-201
- लखबीर- कोबरा बटालियन C-201
- अखिलेश यादव- कोबरा बटालियन C-201
- बेणुधर साहू- कोबरा बटालियन C-201
पुलिस कैंप ओपनिंग के दिन अटैक
टेकलगुड़ेम पुलिस कैंप का मंगलवार को ही ओपनिंग था और इसी दिन सर्चिंग पर निकले जवानों पर नक्सलियों ने हमला किया।
नक्सल हमले में घायल जवानों का चल रहा इलाज।
नक्सली बौखलाए, सख्त कार्रवाई जारी रखेंगे
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सल हमले पर दो टूक कहा कि हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हम हर हालात में अपने जवानों के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए नए कैंप बनाए जा रहे हैं।
नक्सली जिन इलाकों को अपना समझ रहे थे, उन इलाकों में सुरक्षा बलों के दखल और बढ़ते प्रभाव से नक्सली बौखला गए हैं। वे कायराना हरकत कर रहे हैं।
नक्सल हमले में घायल जवानों से मिलने पहुंचे CM साय और डिप्टी CM शर्मा।
घायल जवानों से मिले CM साय और डिप्टी CM शर्मा
मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा, नक्सल हमले में घायल जवानों से मिलने श्री नारायणा और बालाजी अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अफसरों को बेहतर इलाज के प्रबंध करने के निर्देश दिए। इससे पहले मुख्यमंत्री साय ने हमले में शहीद तीन जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि पूरा प्रदेश शहीद जवानों के परिवारजन के साथ है।
3 साल पहले 23 जवान हुए थे शहीद
बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम में ही 2021 में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 23 जवान शहीद हुए थे और 35 से ज्यादा घायल हुए थे। नक्सलियों ने अपने TCOC के दौरान वारदात को अंजाम दिया था।
3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ेम में हुई मुठभेड़ में 350 से 400 नक्सली शामिल थे। इनमें माओवादियों के बड़े कैडर्स के लीडर भी मौजूद थे। जवानों पर भारी मात्रा में BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागा गया था।
नक्सली DRG, CRPF, कोबरा बटालियन के जवानों से हथियार भी लूट कर ले गए थे। कोबरा के एक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण भी किया गया था।