Friday, May 3, 2024
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छत्तीसगढ़: गौ-मूत्र से निर्मित उत्पाद से कृषकों एवं स्वसहायता समूहों की आय में हो रही वृद्धि…

बेमेतरा: छ.ग. शासन की फ्लैगशिप योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजनांतर्गत गौ-मूत्र क्रय एवं इससे निर्मित उत्पाद से कृषकों एवं स्वसहायता समूहों की आय में वृद्धि हो रही है। विदित हो कि जिला बेमेतरा के गौठान मौहाभाठा एवं गौठान ओडिया विकासखण्ड साजा में 20 जुलाई 2022 को गौ-मूत्र क्रय प्रारंभ किया गया है। इस योजना में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गांव के कृषकों से गौ-मूत्र क्रय किया जा रहा है। गौ-मूत्र उत्पाद के विपणन का कार्य कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की सहायता से की जा रही है। क्रयित गौ-मूत्र से स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जीवमृत व कीटनाशक निर्माण कर विक्रय से हजारों रुपये की आमदनी अर्जित कर रही है, जो कि जिलें के लिये एक नयी एवं प्रेरणादायक पहल है। उक्त जानकारी डॉ. राजेन्द्र भगत, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें जिला बेमेतरा द्वारा दी गई। ओड़िया में कुल 1071 ली. गौ-मूत्र क्रय किया गया एवं 525 ली. कीटनाशक एवं 400 ली. जीवमृत उत्पाद बनाया गया है, इसी प्रकार गौठान मौहाभाठा में 576 ली. गौ-मूत्र क्रय किया गया जिससे 288 ली. कीटनाशक तैयार किया गया है। गौ-मूत्र उत्पाद जीवमृत को पंचायत विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए क्रय किया गया एवं कीटनाशक को चारागाह विकास कार्यक्रम के लिए स्व-सहायता समूह द्वारा क्रय किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा कीटनाशक क्रय किया जा रहा है। वर्तमान में कुल 813 ली. ब्रम्हास्त्र (कीटनाशक) एवं 400 ली. जीवमृत (वृद्धिवर्धक) गौ-मूत्र उत्पाद निर्मित किया गया है। जिसका विक्रय स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा 50 रु. प्रति लीटर की दर से कीटनाशक को व 40 रु. प्रति लीटर की दर से किया जा रहा है जिससे अतिरिक्त आमदनी अर्जित हो रही है।

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