Saturday, May 18, 2024
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जशपुरनगर: श्रीमती देवकी बाई को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का मिला लाभ…

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गृह भेंट करके पोष्टिक भोजन, नियमित दवाई सेवन करने की दी जानकारी
  • देवकी का वजन 43 किलोग्राम से बढ़कर 48 किलोग्राम एवं हिमोग्लाबिन की मात्रा 7.2 ग्राम से बढ़कर 13 ग्राम पर स्थिर है
  • देवकी बाई ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है

जशपुरनगर: महिला एवं बाल विकास विभाग के  माध्यम से एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना तपकरा-2 के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के दर्ज हितग्राही में 0-3 वर्ष के कमजोर श्रेणी के बच्चों, गर्भवती माता एवं शिशवती माता 15 से 49 वर्ष की एनीमिक महिलाओं हेतु मुख्यमंत्री सुपोषण योजना में गर्म पके भोजन आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर खिलाया जा रहा है।

योजना के तहत् गर्भवती माता श्रीमती देवकी बाई ग्राम पंमशाला की चिन्हांकित किया गया है। जो प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्म पके भोजन खाने आती है। श्रीमती देवकी बाई गर्भवती माता है, जिनका आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर जांच कर कमजोर श्रेणी में चिन्हांकित किया गया था और प्रथम तिमाही में वजन 43 किलोग्राम था और हिमोग्लोबिन की मात्रा 7.2 जांच में पायी गई थी। वजन कम एवं एनीमिक पाये जाने पर श्रीमती देवकी बाई के घर सामूहिक तौर पर कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन और पर्यवेक्षक के द्वारा सतत् गृह भेंट कर उनके खाने पर विशेष ध्यान दिया गया, स्थानीय खाद्य सामाग्री साग भाजियों का समावेश करते हुवे पौष्टिक भोजन का सेवन कराने, आयरन फोलिक एसिड गोली का नियामित सेवन कराने घर की साफ-साफाई, खुद की साफ-सफाई प्रत्येक कार्य के शुरू और अंत में विधिवत् हाथ धुलाई नियमित करवाया जाता है। इसी योजना से लाभांवित हितग्राही श्रीमती देवकी बाई ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना के तहत् सतत् निगरानी कर गृह भेंट के माध्यम से आयरन गोली खिलाने के साथ पौष्टिक भोजन घर में व आंगनबाड़ी केन्द्र में खिलाना साथ ही साथ स्वास्थ्य जांच कराना एवं टीडी टीकाकरण पर विशेष निगरानी कर श्रीमती देवकी बाई का वजन आज 43 किलोग्राम से बढ़कर 48 किलोग्राम एवं हिमोग्लाबिन की मात्रा 7.2 ग्राम से बढ़कर 13 ग्राम पर स्थिर है। इस प्रकार विभाग के चिन्हांकित हितग्राहियों को लक्ष्य में लेकर सेवा दिये जाने पर कमजोर श्रेणी से स्वास्थय श्रेणी में लाया जा सकता है जो कि सही समय पर महिला बाल विकास विभाग की योजना का लाभ प्रत्येक हितग्राही को मिलने पर 0-3 वर्ष के कमजोर कुपोषित बच्चे व एनीमिक माताएं कुपोषण व एनीमिया से बाहर आ सकते हैं। एनीमिया से मुक्त होकर सफल योजना का लाभ प्राप्त किया है।

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