बेंगलुरु: कर्नाटक के आवास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान का पहलगाम आतंकी हमले पर दिया बयान चर्चा में है। इसमें वे आत्मघाती हमलावर बनकर पाकिस्तान में जाने और युद्ध लड़ने की बात कह रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
उन्होंने कहा- पाकिस्तान हमेशा से भारत का दुश्मन रहा है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मुझे परमिशन दें, तो मैं आत्मघाती बम बांधकर पाकिस्तान जाकर हमला करने के लिए तैयार हूं। देश के लिए जान देने के लिए तैयार हूं।
जमीर अहमद खान जब ये बयान दे रहे थे, तब उनके आसपास मौजूद लोग हंसने लगे। इस पर खान ने कहा- मैं मजाक नहीं कर रहा हूं, मैं इसे लेकर बहुत गंभीर हूं। केंद्र सरकार को पहलगाम आतंकी हमले पर निर्णायक एक्शन लेना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ हर भारतीय को एकजुट होना चाहिए। कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है।

जमीर अहमद खान के बयान पर उनके पास खड़े लोग हंसने लगे थे।
कर्नाटक के सीएम और अन्य मंत्रियों के पहलगाम आतंकी हमले पर दिए बयान
कर्नाटक CM सिद्धारमैया के दो बयान सामने आए

सिद्धारमैया ने पहले कहा कि पाकिस्तान से युद्ध की कोई जरूरत नहीं है।
1. हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं (26 अप्रैल): सिद्धारमैया ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। कड़े सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

2. अगर जरूरी होगा तो हमें युद्ध करना ही होगा (27 अप्रैल): सिद्धारमैया ने बाद में सफाई दी- मैंने कभी नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं करना चाहिए, मैंने बस इतना कहा कि युद्ध समाधान नहीं है। जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों को सुरक्षा दी जानी चाहिए थी। इसकी जिम्मेदारी किसकी है? मैंने कहा है कि इसमें विफलता हुई है। यह खुफिया तंत्र की विफलता है। भारत सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की। जहां तक युद्ध का सवाल है, अगर बहुत जरूरी ही होगा तो हमें युद्ध करना ही होगा।’
कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने कहा- मुझे नहीं लगता कि आतंकियों ने धर्म पूछा

कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने कहा था- मुझे लगता है कि जब वे आतंकी हमला कर रहे थे, तब उन्होंने धर्म के बारे में नहीं पूछा। अगर उन्होंने पूछा भी होता तो धर्म के आधार पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करने का पागलपन नहीं होना चाहिए।

(Bureau Chief, Korba)