Tuesday, October 15, 2024




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कोरबा: शहर के नजदीक पहुंचा हाथियों का झुंड.. 6 शावक भी मौजूद, सीपत के रास्ते पहुंचे हाथी; जान बचाकर भाग रहा एक शख्स घायल

कोरबा: जिले में हाथियों का दल शहर के नजदीक पहुंच गया है, जिसके बाद वन विभाग अलर्ट हो गया है। हाथियों का ये झुंड हरदीबाजार इलाके में विचरण करता नजर आया। इसमें 6 शावक भी शामिल हैं। ये हाथी बिलासपुर के सीपत से होते हुए मंगलवार रात हरदी के पास ग्राम रेकी के लाल मठिया पारा पहुंचे हैं। हाथियों से बचकर भाग रहा एक ग्रामीण भी गड्ढे में गिरकर घायल हो गया है।

ग्रामीणों को जब गांव के पास एक दर्जन हाथियों के होने का पता चला, तो वे उन्हें देखने के लिए यहां पहुंचने लगे। इतनी भीड़ को वन विभाग भी नहीं संभाल सका। हाथी से कुछ ही दूरी पर ग्रामीण सेल्फी और वीडियो लेते नजर आए। इधर एक ग्रामीण हाथियों के झुंड को देखकर भाग ही रहा था कि वो गड्ढे में जा गिरा, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया है। घायल को 108 एंबुलेंस के जरिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गड्ढे में गिरकर ग्रामीण घायल।

गड्ढे में गिरकर ग्रामीण घायल।

घायल व्यक्ति रामकुमार ग्राम रेकी की रामपुर बस्ती का रहने वाला है। अन्य ग्रामीणों के साथ वो भी हाथियों के झुंड को देखने गया हुआ था, जब हाथियों ने उसे दौड़ाया। जिस वक्त सभी भाग रहे थे, उसी दौरान वो गड्ढे में गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। वन विभाग हाथियों के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है। डिप्टी रेंजर कीर्ति कुमार ने बताया कि हाथियों को लेकर आसपास के गांवों में मुनादी कराई जा रही है कि कोई जंगल की ओर नहीं जाए और हाथियों से दूर रहे।

ग्रामीण को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

ग्रामीण को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।

इससे पहले सीपत पहुंचा था हाथियों का ये दल

दो दिन पहले जांजगीर-चांपा जिले से 11 हाथियों का ये दल बिलासपुर जिले के सीपत क्षेत्र के सोंठी सर्किल में पहुंचा था। क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा को देखते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुनादी करवाकर आसपास के गांवों के स्कूलों को बंद कराया। नवापारा बिटकुला, खम्हरिया, सोंठी व जेवरा समेत आसपास के सभी स्कूलों में दो दिन से पढ़ाई नहीं हुई, ताकि बच्चे अपने अपने घर पर सुरक्षित रहें।

हाथियों का झुंड सीपत के रास्ते से पहुंचा।

हाथियों का झुंड सीपत के रास्ते से पहुंचा।

सोमवार की देर रात हाथियों का दल लीलागर नदी पार कर सोंठी सर्किल में पहुंच गया था। यहां हाथियों के कारण किसी भी तरह की जनहानि या मालहानि नहीं हुई है। हाथियों का ये दल पहले रायगढ़ और उसके बाद जांजगीर-चांपा जिले में पहुंचा था। मस्तूरी के करीब पहुंचने की सूचना के बाद बिलासपुर वन मंडल ने वनकर्मियों की ड्यूटी लगा दी थी, लेकिन वे इस क्षेत्र से नहीं आए और आगे बढ़ गए।

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