Tuesday, May 20, 2025
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KORBA: डीएमएफ घोटाले में ACB-EOW ने कोरबा से 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया, इसमें तत्कालीन DMF नोडल अधिकारी समेत 3 जनपद CEO शामिल

रायपुर/कोरबा: छत्तीसगढ़ डीएमएफ घोटाले में ACB-EOW ने कोरबा से 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें तत्कालीन डीएमएफ के नोडल अधिकारी समेत 3 तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) शामिल है। शुक्रवार को सभी को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के बाद 13 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, EOW के अधिकारी चारों आरोपियों को एक साथ बैठाकर पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों में कोरबा डीएमएफटी के तत्कालीन नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी भूनेश्वर सिह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर शामिल है।

DMF घोटाला क्या है ?

प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आए हैं कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता पाई गई। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया। ED की जांच के बाद अब EOW की टीम अपनी जांच तेज कर दी है।

90 करोड़ का घोटाला

ED की जांच ने DMF घोटाले के तौर-तरीकों का खुलासा किया है। इसमें यह बात सामने आई है कि ठेकेदारों के बैंक खाते में जमा की गई रुपए का बड़ा हिस्सा ठेकेदारों ने सीधे कैश में निकाल लिया है। जांच के दौरान ED ने ठेकेदारों, सरकारी और उनके सहयोगियों के अगल-अगल ठिकानों पर रेड मारी थी।

42 प्रतिशत तक दिया गया कमीशन

ED की जांच में पता चला कि, 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने निलंबित IAS रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत की। अपने NGO उदगम सेवा समिति के नाम पर कई DMF ठेके हासिल किए थे। अधिकारियों को टेंडर की राशि का 42% तक कमीशन दिया था।

ED और EOW दोनों जांच कर रही है

DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाला मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जांच रह रही है। दोनों की जांच में यह सामाने आया है कि जिला खनिज निधि में भ्रष्टाचार हुआ है।

आरोप है कि, राज्य सरकार के अधिकारियों और राज नेताओं की मिलीभगत से DMF ठेकेदार द्वारा सरकारी खजाने से रकम निकाली गई।

कई स्थानों पर छापा मार चुकी है ED-EOW

छत्तीसगढ़ में जांच एजेंसी ED ने पहले कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर, सूरजपुर, बलरामपुर, बैकुंठपुर में छापेमारी की थी। बालोद के डौंडीनगर में पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी, बैकुंठपुर जनपद के CEO राधेश्याम मिर्झा और कोरबा के कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल के घर कार्रवाई की गई थी।

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र में ED की 4 जगह रेड की कार्रवाई की थी यहां से 1.11 करोड़ रुपए कैश, बैंक जमा और दस्तावेज सीज किए हैं।

ED ने 23.79 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है

छत्तीसगढ़ में DMF घोटाला केस में ED ने पूर्व में 23.79 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति कुर्क है। कुर्क की गई ये संपत्ति DMF घोटाले में आरोपी निलंबित IAS रानू साहू, माया वारियर, मनोज कुमार द्विवेदी समेत 10 लोगों की है।

ये आरोपी जेल में हैं बंद

छत्तीसगढ़ DMF घोटाला मामले में निलंबित IAS रानू साहू ,छत्तीसगढ़ राज्य सेवा अधिकारी माया वॉरियर, NGO के सेक्रेटरी मनोज कुमार द्विवेदी रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद है।

इस मामले में 4 आरोपियों को राधे श्याम मिर्झा, भुवनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र कुमार राठौर, भरोसा राम ठाकुर को भी गिरफ्तार किया गया है। वही इस मामले में संजय शेंडे, ऋषभ सोनी और राकेश कुमार शुक्ला गिरफ्त से इस अभी गिरफ्त से बाहर है।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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