Saturday, May 4, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाKORBA: कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में कूदीं सीटू व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

KORBA: कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में कूदीं सीटू व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

कोरबा (BCC NEWS 24): जिला कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष द्वय ग्रामीण व शहर सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल और सपना चौहान ने संयुक्त रूप से पत्र लिखते हुए कोरबा जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के समस्त जिला पदाधिकारियों व संगठन से जुड़े समस्त प्रकोष्ठों व विभागों के पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव 2024 में कोरबा लोगसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत को प्रचंड मतों से विजयी बनाने के लिए इंडिया एलॉयंस के सभी घटक दलों के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ मिलकर व्यापक पैमाने पर प्रचार- प्रसार करने की अपील किया है।

जिलाध्यक्ष द्वय ने पत्र के माध्यम से जिले के समस्त पदाधिकारियों को अवगत कराया है कि अन्य राज्यों में केन्द्र की निरंकुश व राष्ट्रीय सम्पत्ति को व्यापक पैमाने पर निजी हांथों व कार्पोरेट जगत को हस्तांतरित करने की मंशा रखने वाली मजदूर विरोधी कार्यशैली की पोषक विगत दस वर्षों से श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संचालित भातीय जनता पार्टी को हासिए पर लाने व इंडिया घटक दलों व कांग्रेस पार्टी को प्रचंड मतो से विजयी बनाने का संकल्प लेकर अनेक प्रमुख राजनीतिक पार्टियां कंधे से कंधा मिलाकर अपने क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। चूंकि छत्तीसगढ़ राज्य में केवल कांग्रेस और भाजपा ही दो प्रमुख दल चुनाव मैदान में हैं और अन्य राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय पार्टियां इससे अलग हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सभी दल प्रमुखता के साथ इंडिया गठबंधन अथवा कांग्रेस को व्यापक पैमाने पर समर्थन दे रहे हैं। इस तरह का समथर्न दिए जाने के कुछ प्रमुख कारणों में केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी श्रम कानून – मजदूरों के लिए बनाए गए सभी श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह चार श्रम संहिताएं थोप दी गई है। ये संहितायें मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी/वेतन तक से वंचित करती है और मालिकों को 12 घंटे तक मजदूरों से काम लेने का और उन्हें किसी भी समय रोजगार से निकालने का अधिकार देती है।

पत्र में आगे लिखा गया है कि वर्तमान में केन्द्र में संचालित भाजपा सरकार की इस व्यवस्था से मजदूर फिर से बंधुआ गुलामी की जंजीर में जकड़ गए हैं। सरकारी कर्मचारियों के पेंशन फंड को सट्टा बाजार के हवाले कर दिया गया है और पुरानी पेंशन योजना को खत्म करके उन पर एक ऐसी नई योजना लाद दी गई है, जिसमें उनको जीवन निर्वाह योग्य पेंशन की राशि नहीं मिल रही है। इस व्यवस्था से छतीसगढ़ के 4 लाख कर्मचारी इससे प्रभावित होने जा रहे हैं। राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत 6.57 लाख से ज्यादा मजदूर, जिनमें संविदाकर्मी, ठेका मजदूर, आउटसोर्सिंग कर्मचारी और असंगठित क्षेत्र के मजदूर खास तौर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मध्यान्ह भोजन बनाने वाले मजदूर, सफाई कर्मचारी आदि को नियमित करने के चुनावी वादे पर आज राज्य की भाजपा सरकार ने चुप्पी साध ली है। पत्र में मोदी के वादे को लेकर लिखा गया है कि मोदी का वादा तो देश को आत्मनिर्भर बनाने का था, लेकिन उसकी अंधाधुंध निजीकरण और विनिवेशीकरण की नीतियों ने अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश की बहुमूल्य संपत्ति को कार्पोरेटों को सौंपने का काम किया है। वादा तो सबका विकास था, हकीकत में हो रहा है कार्पोरेटों का विकास। इन नीतियों से गरीब, और गरीब हुए हैं, जबकि देश के सबसे अमीर 10 लोगों का हमारी राष्ट्रीय आय के 57 प्रतिशत और कुल संपत्ति के 77 प्रतिशत पर कब्जा हो गया है।

इस भारी आर्थिक असमानता के कारण वैश्विक पैमाने पर हमारा देश मानव विकास के हर सूचकांक पर पिछड़ गया है। दरअसल मोदी और भाजपा का लक्ष्य संपूर्ण विपक्ष को दबाकर एकदलीय तानाशाही स्थापित करना है। यह तिकड़मबाजी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। चुनाव प्रचार में भाजपा एक बार फिर महिला शक्ति का जुमला फेंक रही है। यह ठीक वैसे ही है, जैसे शैतान कुरान की आयतें पढ़तें हुए तस्बीह के दाने और गुरियाँ फेरें। देश की जनता मोदी के सूर्पणखा की हंसी, पचास करोड़ की गर्लफ्रेंड और कांग्रेस की विधवा जैसे शर्मसार कर देने वाले भाषणों को अभी भूली नहीं है। भारत के कुश्ती संघ के अध्यक्ष और मोदी के प्रिय भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह द्वारा देश की महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ सबूतों के साथ न्याय मांगने की गुहार करते हुए जंतर मंतर पर बैठे खिलाड़ियों की पुलिस द्वारा उन्हें बाल पकड़ खींचने और घसीटने के भयानक दृश्यों को देश की जनता भूली नहीं है। उन्नाव में नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार करने वाला और उसके बाद पीड़िता के पिता को मार डालने वाला कुलदीप सेंगर भी मोदी की ही भाजपा का विधायक था। पत्र में आगाह किया गया है कि भाजपा का फिर से सत्ता में आने का मतलब होगा देश से भाईचारा, सद्भाव और सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की विदाई और वर्ण व्यवस्था पर आधारित समाज की पुनर्स्थापना की ओर बढ़ना, जो भाजपा-आरएसएस की वास्तविक विचारधारा है। देश के संविधान में जिसका विश्वास नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

मोदी और भाजपा है, तो भ्रष्टाचार और विश्वासघात है – आप सब भली भांति इस तथ्य से वाकिफ हैं कि छत्तीसगढ़ में सत्ता में फिर से आने के बाद भाजपा ने बेरोजगारी भत्ता देने और न्याय योजनाओं के जरिए आम जनता को राहत देने जैसी तमाम योजनाओं को एक झटके में बंद कर दिया है, क्योंकि वास्तव में वह संविधान में निहित कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के ही खिलाफ है। एक ओर तो देश में मोदी सरकार की तमाम गारंटियां फेल हो गई है, वही छत्तीसगढ़ में जिन गारंटियों को लागू करने का दिखावा किया जा रहा है, वह केवल चुनाव जीतने की तिकड़बाजी है। एक ओर तो राहत का दिखावा है, दूसरी ओर भूमि पंजीयन की दरें बढ़ाकर और शराब दुकानों में अहाते खोलकर और महंगी शराब बेचकर इन कथित राहत योजनाओं के जरिए आम जनता के जेब में आने वाले पैसों को लूटने की भी साजिश रच ली गई है। देश का अनुभव बताता है कि लोकसभा चुनाव के बाद इन कथित राहत देने वाली योजनाओं को समेट लिया जाएगा। साफ है कि जब तक सत्ता में भाजपा रहेगी, भ्रष्टाचार और आम जनता के साथ विश्वासघात भी जारी रहेगा। इसलिए जरूरी है कि मामूली वोटों सेे अल्प बढ़त के साथ राज्य में सरकार बनाने वाली भाजपा को लोकसभा चुनाव में धूल चटाई जाएं और राज्य की सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में उसकी निर्णायक हार सुनिश्चित की जाएं।

वास्तव में यह चुनाव तुच्छ मतभेदों से ऊपर उठकर देश, लोकतंत्र और संविधान बचाने की एक बड़ी राजनैतिक लड़ाई है। इस लड़ाई को सफल बनाने के लिए जरुरी है कि यथासंभव भाजपा विरोधी वोटों को बिखरने से रोका जाएं और सभी ताकतें उस राजनैतिक पार्टी को समर्थन दें, जो भाजपा को हरा सकने में सक्षम हो। छत्तीसगढ़ में यह ताकत केवल कांग्रेस पार्टी के पास है, जो भाजपा गठबंधन के विकल्प के रूप में उभर रही इंडिया समूह का हिस्सा है। अतएव राज्य स्तर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कोयला श्रमिक संघ (सीटू), ने आम जनता से अपील करते हुए उद्योग, रक्षा, संविधान रक्षा और इन सबसे ऊपर लोकतंत्र की रक्षा के लिए जन विरोधी और सांप्रदायिक भाजपा को हराने और केंद्र में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस पार्टी को वोट देने का निर्णय पार्टी स्तर पर लिया है।
अतएव आप समस्त पदाधिकारियों से आग्रह करते हुए पत्र में कहा गया है कि संबंधित क्षेत्र में चुनाव प्रचार के समय जब भी निकलें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व सीटू के स्थानीय पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ ही इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सदस्यों व पदाधिकारियों को भी अपने साथ अवश्य ले जाएं और सम्मानित मतदाताओं के साथ उनके विचारों को भी साझा करने की अपील करें जिसका एकमात्र उद्देश्य कांग्रेस प्रत्याशी को प्रचंड मतों से विजयी बनाना हो।

Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular