कोरबा: जिला अस्पताल परिसर में पिछले कुछ दिनों से एक काले लंगूर की मौजूदगी लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई है। लंगूर यहां बने हनुमानजी के मंदिर में जाता है, माथा टेकता है और फिर बाहर आ जाता है। समय के साथ लोग उसे खाना-पीना देने लगे हैं। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि लंगूर किसी घटना को अंजाम नहीं देता।
काले रंग का लंगूर अस्पताल परिसर में पिछले कुछ दिनों से लगातार आ रहा है। आसपास के लोगों उसकी मित्रता हो गई है। लोग बताते हैं कि यह लंगूर परिसर में ही बने हनुमान मंदिर में जाता है। वहां शीश झुकाता है और फिर वापस आकर इस चबूतरे पर बैठ जाता है। स्थानीय और आने-जाने वाले लंगूर को खाने पीने की चीजें सहज तरीके से दे देते हैं।
हनुमान मंदिर में आता है लंगूर।
अब तक किसी व्यक्ति को परेशान नहीं किया
पुलिस चौकी प्रभारी ने बताया कि हमने इस बात को महसूस किया कि लंगूर सुबह रोजाना समय पर यहां पहुंचता है। उसके बाद वह कैंटीन में अपनी उपस्थिति दर्ज करता है। सबसे अच्छी बात यह है कि उसने अब तक किसी व्यक्ति को परेशान नहीं किया, इसलिए हमने भी लोगों को कहा है कि वह अपनी ओर से कुछ भी ना करें।
अस्पताल पहुंचता है काला लंगूर
बता दें कि जंगलों में रहने वाले वन्य प्राणियों के व्यवहार के बारे में कई प्रकार की बातें सुनी जाती हैं। कई मौके पर उनका व्यवहार अचानक बदल जाता है और फिर लोगों को लेने के देने पड़ जाते हैं। सबसे अलग लंगूर का सही समय पर अस्पताल परिसर में आना और मंदिर में उपस्थित के बाद लोगों के साथ सामान्य रूप से रहता है।
(Bureau Chief, Korba)