कोरबा: जिले के ग्राम पुरैना में भटककर पहुंचे चीतल पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। हमले में गंभीर रूप से घायल चीतल ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। जबकि चीतल के घायल होने की सूचना गांववालों ने वन विभाग को समय पर दे दी थी, लेकिन न तो मौके पर रेंज ऑफिसर पहुंचे और न कोई अन्य कर्मचारी। 3 घंटे तक तड़पने के बाद चीतल की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार सुबह 7 बजे मड़वारानी जंगल से भटककर एक चीतल ग्राम पुरैना पहुंच गया था। जहां एक के बाद एक 3 कुत्तों ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया। इससे चीतल गंभीर रूप से घायल हो गया। इसकी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई, लेकिन घंटों बीत जाने पर भी वहां से कोई नहीं पहुंचा।
करतला वन परिक्षेत्र का मड़वारानी जंगल कई वन्यप्राणियों का आशियाना।
काफी देर बाद वन विभाग का एक कर्मचारी गांव पहुंचा भी, तो वो चीतल को चिकित्सक के पास ले जाने के बजाय वहीं खड़ा रहा। तब तक चीतल की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। इलाज के अभाव में 3 घंटों तक तड़पने के बाद चीतल ने दम तोड़ दिया। इस मामले में करतला वन परिक्षेत्र के रेंजर राजेश चौहान से दैनिक भास्कर संवाददाता ने मोबाइल पर जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
बता दें कि कोरबा वनमंडल के अंतर्गत आने वाले करतला वन परिक्षेत्र के मड़वारानी जंगल में बड़ी संख्या में चीतल, हिरण जैसे वन्य प्राणी रहते हैं, जो गर्मी शुरू होते ही पानी की तलाश में रिहायशी बस्तियों की ओर आते हैं। यहां ये या तो इंसानों या फिर किसी और जानवरों का शिकार बन जाते हैं। इन सबके बावजूद वन विभाग इन वन्यप्राणियों की जान बचाने को लेकर गंभीर नजर नहीं आता है।