कोरबा: जिले के सीतामढ़ी शनि मंदिर के पास गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक चील ने मधुमक्खी के छत्ते पर हमला कर दिया। मधुमक्खियों ने चील सहित आसपास से गुजर रहे राहगीरों पर हमला बोल दिया। एक के बाद एक राहगीर मधुमक्खी के हमले का शिकार होते गए। जैसे-तैसे लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।
लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर मधुमक्खियां कहां से आ रही हैं और उसका छत्ता कहां पर है। जो भी शनि मंदिर मुख्य मार्ग से गुजरता, वह मधुमक्खी के हमले का शिकार हो जाता। मधुमक्खियां कई घंटों तक आतंक मचाती रहीं। मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए कुछ लोगों ने नहर में कूदकर तो कुछ लोगों ने किसी दूसरे के घर में छिपकर जान बचाई।
मधुमक्खियों ने किया हमला।
रमेश कुमार ने बताया कि वो शनि मंदिर के सामने फेरी लगाकर कपड़ा बेच रहा था, तभी उसके ऊपर मधुमक्खियों ने डंक मारना शुरू कर दिया। फेरीवाले ने अपनी बाइक छोड़कर मधुमक्खी नहर में छलांग लगा दी। नहर में थोड़ी दूर जाने पर मधुमक्खियों ने उसका पीछा छोड़ा। इसके बाद नहर से बाहर निकलकर उसने अस्पताल का रुख किया। इसी तरह आसपास से गुजर रहे राहगीरों को एक के बाद एक दर्जन भर लोगों को मधुमक्खियों ने घायल कर दिया। सीतामढ़ी निवासी विक्की निर्मलकर ने बताया कि शनि मंदिर के पास स्थित एक बेल के पेड़ पर मधुमक्खियों ने पिछले कुछ दिनों से छत्ता बना रखा है। यहां काफी बड़े-बड़े छत्ते बने हुए हैं। जिस पर चील ने हमला कर दिया और लोग इसके शिकार हो गए। मधुमक्खियों के काटने के बाद कई लोगों ने जिला अस्पताल में डॉक्टर से अपना इलाज कराया।
मधुमक्खी ने काटा।
कोंडागांव में हफ्तेभर पहले मधुमक्खियों के हमले में गई थी एक शख्स की जान
अभी एक हफ्ते पहले कोंडागांव जिले में भी मधुमक्खियों के हमले से एक शख्स की मौत का मामला सामने आया था। विकासखंड माकड़ी के अंतर्गत ग्राम पंचायत तौरंगा मे मधुमक्खी के हमले से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और भागकर दो बच्चों ने जान बचाई थी। ग्राम तौरंगा निवासी बुधराम ध्रुव (55 वर्ष) अपने दो बच्चे के साथ खेत की ओर घूमने निकला था। रास्ते में देवकोट के पास बड़े-बड़े पेड़ों पर मधुमक्खी का छत्ता था।
मधुमक्खी के छत्ते पर पक्षी ने हमला कर उसे गिरा नीचे गिरा दिया था, इससे मधुमक्खियां आसपास फैल गई थीं। इस बीच बुधराम अपने खेत में बच्चों के साथ जा रहा था, तभी उस पर मधुमक्खियों ने अचानक हमला कर उसे बुरी तरह से काट लिया। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर कुछ दूरी पर खड़े एक व्यक्ति ने दोनों बच्चों के साथ वहां से भागकर उन्हें बचाया था। वहीं, बुधराम अधेड उम्र होने के चलते वहां से भाग नहीं पाया था और मधुमक्खियों के अत्याधिक डंक मारने से वहीं गिरकर बेहोश हो गया था। अस्पताल पहुंचाने के पहले ही उसने दम तोड़ दिया था।