छत्तीसगढ़: रायपुर जिला प्रशासन ने नवा रायपुर के किसान सियाराम पटेल के मौत की मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने इसके लिए एडीएम एन.आर. साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। मंगलवार को जांच की अधिसूचना जारी हुई। इसके मुताबिक इस संबंध में गवाहों के साक्ष्य, बयान और दस्तावेज रायपुर कलेक्ट्रेट के कमरा नम्बर- 17 में अगले 10 दिनों तक लिए जाएंगे।
मजिस्ट्रेट की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, नवा रायपुर में एनआरडीए भवन के पास 11 मार्च 2022 को ग्राम बरौदा निवासी सियाराम पटेल की आकस्मिक मृत्यु हो गई। इसके संबंध में आमजन, संस्था या व्यक्ति अपना बयान एवं अन्य साक्ष्य 24 मार्च 2022 तक प्रस्तुत कर सकते है। यह काम कार्यालयीन समय हर रोज अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय कमरा नम्बर-17 में होगा। एडीएम एन.आर. साहू को किसान सियाराम पटेल की मृत्यु के कारण और परिस्थितियों की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है। जांच अधिकारी कुछ अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर सकते हैं। कलेक्टर ने जांच अधिकारी को जल्द से जल्द जांच पूरी कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने इस बीच संयुक्त कलेक्टर डॉ. सुभाष सिंह राज और डिप्टी कलेक्टर अतुल विश्वकर्मा को सहयोगी अधिकारी नियुक्त कर दिया है।
आंदोलन के दौरान गई थी किसान की जान
नवा रायपुर में दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 11 मार्च को मंत्रालय तक मार्च हो रहा था। 27 गांवों के हजारो लोग मुख्य सचिव को अपील ज्ञापन देने मंत्रालय की ओर जा रहे थे। एनआरडीए भवन से थोड़ी दूर पर ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। किसान वहीं पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान बरौदा निवासी सियाराम पटेल बेहोश होकर गिर पड़े। अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
चार लाख का मुआवजा दिया है
उनकी मौत के बाद नवा रायपुर क्षेत्र में भारी तनाव है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर किसान के परिजनों को चार लाख रुपए की मदद भेजी गई है। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने 12 मार्च को मजिस्ट्रियल जांच का आदेश जारी किया। वहीं सोमवार को मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आंदोलनकारी किसानों को रायपुर में बुलाकर उनकी मांगों पर चर्चा की है।