महासमुंद: शासकीय योजनाएं तभी सफल होती है जब हितग्राही स्वयं पूरी ईच्छाशक्ति, लगन और कड़ी मेहनत कर योजना को अमल में लाएं। पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम भुरकोनी निवासी पशुपालक श्री पराऊ साहू ने पशुधन विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना को अमल में लाकर इस वाक्य को सच कर दिखाया है। श्री पराऊ साहू, के आजीविका का मुख्य साधन उनकी पैतृक खेती ही थी। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी।
पशुधन विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता विकास योजना की जानकारी मिलने पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में खेती के साथ ही पशुपालन व्यवसाय करने का मन बना। निकटतम पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क कर योजना का लाभ लेने की इच्छा जाहिर की। प्रक्रिया पूरी होने के बाद योजना के अंतर्गत उनको 02 गायों की कुल लागत राशि एक लाख 40 हजार रुपए में से 50 प्रतिशत राशि शासकीय अनुदान की स्वीकृति मिली।
विभाग के संपर्क में निरंतर रहकर पशुपालन के तकनीकी ज्ञान के साथ ही समय पर पशु उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, अनुशीलन का लाभ उन्हे मिला। योजना से जुड़ने के पश्चात् श्री पराऊ साहू द्वारा दुग्ध विक्रय से राशि 60 हजार रुपए प्रतिवर्ष की अतिरिक्त आय अर्जित की जा रही है। पशुपालन अब उनके आय का मुख्य जरिया बन गया है जिससे उनका जीवन-यापन औसत दर्जे से बढ़कर बेहत्तर हो गया है।
श्री पराऊ साहू पशुधन विकास विभाग की योजना से लाभान्वित होने के बाद उनके घर की महिलाओं द्वारा भी पशुपालन में रूचि लेने लगे और पारिवारिक सहयोग की भावना विकसित हुई। जिससे पूरे परिवार के आत्मविश्वास में वृध्दि एवं अतिरिक्त आय होने से पूरा परिवार खुशहाल परिवार में परिवर्तित हो गया है।