Tuesday, May 21, 2024
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BCC News 24: KORBA- सीतामणी रेत घाट में ठेकेदार की खुलेआम गुंडागर्दी.. श्माशन घाट को भी नहीं बक्श रहे ये लोग; प्रशासन की नाक के नीचे रायल्टी में 1000, बिना पर्ची 500 में बेच रहें रेत.. ट्रैक्टर संचालकों को धमकाते हुए बोले- जिसको जो करना है कर लो

कोरबा (BCC News 24): शहर के मोतीसागरपारा सीतामणी रेत घाट में अब सोए हुए मुर्दों के अमन-चैन में खलल पैदा किया जा रहा है। निर्धारित खनन घाट से दूर कब्र भी रेत के लिए खोद दी जा रही है। इस पर लोगों ने ऐतराज तो जताया है किंतु खुलकर सामने नहीं आना चाहते। इसी तरह रायल्टी राशि ज्यादा लेने के नाम पर आए दिन विवाद हो रहा है।

मोतीसागरपारा का रेत घाट संचालन का ठेका और भंडारण स्थल के आबंटन में तत्कालीन तौर पर की गई त्रुटियों का खामियाजा खनिज के नुकसान के रूप में आज भी भुगतना पड़ रहा है। नदी की जमीन पर ही भंडारण की अनुमति दे दिए जाने से बड़े पैमाने पर रेत की चोरी होती रही है, रायल्टी की चोरी अलग से। यहां रॉयल्टी राशि के नाम पर ट्रैक्टर मालिकों और पर्ची काटने वाले कर्मी के बीच कहा-सुनी आम बात है।

मंगलवार को भी यह नजारा आम हुआ जब निर्धारित से अधिक 1 हजार रुपए की मांग की गई। यहां रेत लेने पहुंचे ट्रैक्टर मालिकों ने बिना मजदूर लगाए 288 रुपए और मजदूर लगाकर रेत भर्ती कराने पर 491 रुपए की निर्धारित राशि लेने की बात कही गई। इस बात पर पर्ची काटने वाले से इनकी काफी कहा-सुनी हुई।

ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि पर्ची कटाने पर एक हजार रुपए एक ट्रैक्टर रेत के लिए देना पड़ रहा है और पर्ची नहीं कटाने पर 500 रुपए में रेत दी जा रही है।

इधर दूसरी ओर खदान क्षेत्र से जो तस्वीर सामने आई है, उसके मुताबिक रेत का खनन स्थानीय लोगों के द्वारा दफनाए गए शवों की कब्र तक पहुंच गया है। कब्र के आसपास से जहां रेत निकाली जा रही है वहीं अनेक कब्र और शव इसमें दफन हो गए हैं। वाहनों के चलने से ये हालात उत्पन्न हुए हैं। स्थानीय लोगों ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि आखिर इन दफन शवों का क्या कसूर कि उन्हें चैन से सोने नहीं दिया जा रहा।

इस मामले में ट्रैक्टर मालिकों ने जल्द ही पुलिस और प्रशासन से शिकायत करने की बात कही है ताकि निर्धारित दर पर राशि लेकर रेत बेचने की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। कोई बड़ी बात नहीं कि नदी घाट छोड़कर आसपास के इलाके से अवैध तरीके से रेत खोदने के लिए मुर्दों का चैन छीनकर इनके परिजनों की भावना आहत करने वाले ठेकेदार के विरुध्द कोई प्रदर्शन शुरू हो जाये।

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