Friday, April 26, 2024
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PM किसान योजना में फ्रॉड की डील: खेत नहीं, पता दूसरे जिले का और नाबालिगों का करा दिया रजिस्ट्रेशन, पहली किश्त आने पर एजेंट को देने की स्कीम….

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan) योजना में फ्रॉड की डील की गई है। रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से रुपए लिए जा रहे हैं। स्कीम दी जा रही है कि पहली किश्त मिलने पर देना होगा। इसके लिए बकायदा एजेंट बनाए गए हैं। खास बात यह है कि ऐसे लोगों तक का पंजीकरण कराया जा रहा है, जिनके पास खेत तक नहीं हैं और नाबालिग हैं। पता भी किसी और जिले का फार्म में भरवाया गया है। मामले की शिकायत किसानों ने SP से कर जांच की मांग की है।

रायगढ़ ब्लॉक में तरकेला गांव के 25 से अधिक किसान शुक्रवार को SP के पास शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम पर रैकेट काम कर रहा है। हर गांव में एजेंट बनाए गए हैं। ये एजेंट पहले किसानों से आधार कार्ड, जमीन से जुड़ी जानकारी लेने के बाद एक फार्म भरवाते हैं, फिर स्कीम देते हैं कि पहली किश्त खाते में आने पर देनी होगी। किसान योजना में मिले पहली किश्त के 2 हजार रुपए पिछले माह आए हैं। उसे देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

महिला किसान राजेश्वरी सिदार ने बताया कि गांव के प्रकाश दास महंत को एजेंट बनाया गया है। आरोप है कि उसने रैकेट में शामिल होकर गांवों के लोगों से फार्म भरवाया, फिर बाद में पैसे वसूली की गई।

महिला किसान राजेश्वरी सिदार ने बताया कि गांव के प्रकाश दास महंत को एजेंट बनाया गया है। आरोप है कि उसने रैकेट में शामिल होकर गांवों के लोगों से फार्म भरवाया, फिर बाद में पैसे वसूली की गई।

परिवार के हर सदस्य का कर रहे पंजीकरण, पते में अलग-अलग जिला
ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में पहले भी जूटमिल थाने में शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिला किसान राजेश्वरी सिदार ने बताया कि गांव के प्रकाश दास महंत को एजेंट बनाया गया है। आरोप है कि उसने रैकेट में शामिल होकर गांवों के लोगों से फार्म भरवाया, फिर बाद में पैसे वसूली की गई। आरोपियों ने परिवार के 18 साल के ऊपर के हर सदस्य का पंजीयन किया। उनके अंगूठे के निशान भी लिए। बाद में चेक किया तो पता चला कि उनके पते अलग-अलग जिलों के हैं।

राजस्व विभाग करता था रजिस्ट्रेशन, अब कृषि विभाग को जिम्मेदारी
कृषि सम्मान निधि में किसानों का रजिस्ट्रेशन पहले राजस्व विभाग के माध्यम से होता था। उसमें गड़बड़ी सामने आने के बाद इसका पंजियन का काम कृषि विभाग को दे दिया। अगर किसान योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें आधार कार्ड, जमीन का रिकॉर्ड, बैंक पासबुक, 2 फोटो के साथ कृषि विस्तार अधिकारी के पास दस्तावेज देना होता है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी इसका सत्यापन करने के बाद फिर वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल एंट्री के बाद उसे मंजूरी देता है।

अफसर बोले- रैकेट के तार, गरियाबंद, महासमुंद और जांजगीर से जुड़े
कृषि विभाग के पीएम किसान निधि के नोडल अधिकारी पीके सराफ ने बताया कि इस संबंध में पतासाजी की तो पता चला है कि इस रैकेट से जुड़े लोगों ने किसानों का रजिस्ट्रेशन महासमुंद, गरियाबंद, जांजगीर जैसे जिलों में जाकर वहां के कृषि अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके यह काम किया है। इसलिए किसानों का नाम रायगढ़ जिले का बता रहा है, लेकिन रजिस्ट्रेशन दूसरे जिलो के बताए जा रहे हैं। ऐसी बात विभाग के पास भी सामने आई है। हांलाकि इस मामले में अब पुलिस जांच करेगी।

क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें साल में (कुल 6000 रुपए) दिए जाते हैं। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिए अपना रजिस्ट्रेशन कराते थे, लेकिन गड़बड़ी सामने आने के बाद इसकी जिम्मेदारी कृषि विभाग को दे दी गई। योजना में 4.9 एकड़ से कम भूमि वाले किसान ही पात्र हैं। छोटे किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2019 में इस योजना की शुरुआत की थी।

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