रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब भाजपा बहुमत के साथ सरकार बना रही है। बीजेपी की जीत के बाद ही कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे दिग्गजों के बंगले खाली होने शुरू हो चुके हैं। साथ ही उनके नेम प्लेट को भी उखाड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को पूर्व परिवहन और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपना बंगला खाली कर दिया है। इसके अलावा कई अन्य मंत्रियों के नेम प्लेट में भी बदलाव हुआ है।
दरअसल शंकर नगर रोड स्थित सिविल लाइन में कई कैबिनेट मंत्रियों को सरकारी बंगले अलॉट किए गए हैं। इन बंगलो में कांग्रेस के दिग्गजों ने 5 साल का वक्त गुजारा लेकिन अब इनमें से ज्यादातर मंत्री 2023 में अपनी सीट भी नहीं बचा पाए हैं। जिस वजह से इन्हें अब यह बंगला खाली करना पड़ेगा।
बंगला खाली होने के बाद नेम प्लेट भी उखाई गई।
कहीं नेम प्लेट हटी, कहीं पद के आगे लगा पूर्व
कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्रियों को ये बात पता है कि चुनाव हारने के बाद अब उनके पास बंगला छोड़ने का आदेश आ जाएगा। इस वजह से वे सरकारी फरमान आने से पहले ही बंगला खाली करना शुरू कर चुके हैं। कांग्रेस सरकार में कद्दावर मंत्री रहे मोहम्मद अकबर ने सबसे पहले अपना बंगला खाली कर दिया। उनके बंगले के बाहर से नेम प्लेट भी उखाड़ी जा चुकी है।
मंत्री रविन्द्र चौबे के बंगले के बाहर पूर्व लिखा गया है।
इसी तरह रविन्द्र चौबे ने अपने नेम प्लेट के सामने पूर्व मंत्री लिखवा दिया है। तो वहीं जय सिंह अग्रवाल के नाम के नीचे उनके पद पर रंग लगाकर छिपा दिया गया है। इसके अलावा कई मंत्रियों के बंगले के बाहर ‘प्रवास पर’ की तख्ती लटकते दिख रही है।
जय सिंह अग्रवाल के नाम के नीचे रंग से पुताई कर दी गयी है।
इस्तीफे का दौर भी जारी
बंगला छोड़ने के साथ साथ प्रदेश में सरकार बदलते ही इसके असर प्रशासनिक स्तर पर भी दिखाई देने लगे हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ आधा दर्जन अफसरों को हटा दिया गया है। इसमें मुख्यमंत्री के 4 OSD और 2 निजी सचिव हैं। प्रदेश के महाधिवक्ता ने भी सतीश चंद्र वर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस्तीफा देने के घंटे भर बाद ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
चुनाव में कांग्रेस सरकार के 9 मंत्री हारे
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के 9 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। उप-मुख्यमंत्री रहे सिंहदेव को अंबिकापुर से शिकस्त मिली। इसके अलावा आरंग से शिवकुमार डहरिया, नवागढ़ से गुरु रुद्र कुमार, कवर्धा से मोहम्मद अकबर, दुर्ग ग्रामीण से ताम्रध्वज साहू, साजा से रविंद्र चौबे, सीतापुर से अमरजीत भगत, कोरबा से जयसिंह अग्रवाल और कोंडागांव से मोहन मरकाम को हार झेलनी पड़ी है।