बिलासपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जोनल मुख्यालय बिलासपुर में मंगलवार को कोरबा से धर्मजयगढ़ तक 62.5 किलीमीटर रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे और एसईसीएल के बीच कन्सेशन एग्रीमेंट हुआ। इस अनुबंध में खास बात यह है कि एसईसीएल 30 साल तक माल ढुलाई से मिलने वाले लाभांश का हिस्सा रेलवे को भी देगा। इस MOU के बाद रेल कारीडोर परियोजना के निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
1700 करोड़ रुपए की संभावित लागत से विकसित की जा रही ईस्ट रेल कॉरीडोर परियोजना के मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। ईस्ट रेल कॉरीडोर के संचालित होने से एसईसीएल के माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड केप्टिव ब्लॉक और कमर्शियल माइनिंग की परियोजनाओं से कोयले के ढुलाई में तेजी व सहूलियत होगी। यह प्रोजेक्ट माण्ड-रायगढ़ कोल फील्ड्स एवं वसुन्धरा कोलफील्ड्स में कोयले के डिस्पैच के लिए अतिरिक्त रूट उपलब्ध कराएगा।
माल ढुलाई की आय में रेलवे की होगी हिस्सेदारी
अफसरों ने बताया कि इस एग्रीमेन्ट में तय किया गया है कि छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड करीब 30 साल तक ढुलाई करेगा और इससे होने वाले लाभांश राशि की हिस्सेदारी भारतीय रेल को भी देगा। इसके एवज में रेल व्यवस्था का संचालन, रख-रखाव और निर्माण उपलब्ध कराया जाएगा। अफसरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड एसईसीएल के अधिन काम करने वाली कंपनी है। जिससे ’स्पेशल पर्पस व्हीकल’ (एसपीवी) माडल पर विकसित किया गया है। इसमें एसईसीएल के साथ-साथ ईरकॉन इन्टरनेशनल लिमिटेड व छत्तीसगढ़ शासन के छत्तीसगढ़ स्टेट इन्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की सहभागिता भी है।
जोनल मुख्यालय में हुआ आयोजन
एसईसीएल के पीआरओ सनिश चंद्रा और रेलवे के सीपीआरओ साकेत रंजन ने बताया कि मंगलवार को एमओयू के लिए समारोह का आयोजन किया गया। चंद्रा ने बताया कि एसईसीएल के अधिनस्थ कंपनी और रेल कॉरीडोर की परियोजना छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड के द्वितीय चरण (फेस-।।) के काम के लिए एसईसीआर एवं एसईसीएल के साथ एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर किए गए। इस उम्मीद की जा रही है कि इस एग्रीमेंट के बाद 62.5 किलोमीटर की नई रेल लाइन के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। समारोह में जोन के महाप्रबंधक आलोक कुमार, सीईआरएल के चेयरमेन मनोज कुमार प्रसाद, चीफ ट्रैफिक प्लानिंग मैनेजर वायके चौधरी, सीईओ जेएन के साथ ही रेलवे और एसईसीएल के अधिनस्थ कंपनी के अधिकारी मौजूद रहे।