रायपुर: जिले के सिलतरा स्थित सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड के कर्मचारियों ने मिलकर कंपनी को लाखों रुपए का चूना लगाया है। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी कर्मचारी फैक्ट्री में मशीनों को चलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कोयले की घटिया क्वालिटी को अच्छा बताकर उसका यूज कर रहे थे, जिससे फैक्ट्री की मशीनें बार-बार शटडाउन हो रही थीं और उत्पादन ठप पड़ जाता है। मामला धरसींवा थाना क्षेत्र का है।
सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड के उप महाप्रबंधक विवेक चौधरी ने धरसींवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी कंपनी में कोयले की सप्लाई बीते कई सालों से ट्रांसपोर्टर्स के माध्यम से की जाती है। फैक्ट्री में आने के बाद कोयले की क्वालिटी की जांच की जाती है। कोयले का सैंपल लेने के लिए लीलाधर साहू और 3 ठेका श्रमिकों रविंद्र वर्मा, पारस राम निषाद और मेघनाथ निषाद को नियुक्त किया गया था, जो 5-6 सालों से कंपनी में काम कर रहे थे।
भ्रष्ट कर्मचारियों के कारण सारडा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड को हो रहा था लाखों का नुकसान।
उप महाप्रबंधक ने बताया कि ये कर्मचारी खराब कोयले से भरे ट्रकों में से कुछ मात्रा के अच्छे कोयले का सैंपल निकालकर केमिस्ट के पास भेज देते थे। इस सैंपल की जांच के बाद पूरे ट्रक में लदे कोयले की क्वालिटी अच्छी मानी जाती थी। इसी कोयले का इस्तेमाल मशीनों को चलाने के लिए किया जाता था। घटिया कोयला होने के कारण मशीनें बार-बार शटडाउन हो जाती थीं और उत्पादन ठप पड़ जाता था। इससे कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था।
कंपनी प्रबंधन को हुआ शक
कंपनी के मैनेजमेंट को किसी ने फोन पर सूचना दी कि इस तरह की धोखेबाजी कंपनी के कर्मचारी कर रहे हैं। जिसके बाद आरोपी लीलाधर साहू और अन्य आरोपियों पर नजर रखी जाने लगी। तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद प्रबंधन ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी लीलाधर साहू, रविंद्र वर्मा, पारस राम निषाद और मेघनाथ निषाद को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने काली कमाई से जमीन और कारें तक खरीद लीं।