मध्यप्रदेश/मुरैना: बचपन बिंदास होता है। न किसी की चिंता और न किसी की फिक्र। इसलिए कहते हैं कि व्यक्ति की उम्र चाहे कितनी भी हो जाए, दिल हमेशा बचपन का रहना चाहिए। बच्चों की मस्ती देखकर हर किसी को बचपन की शैतानियां आना स्वाभाविक है। यही हुआ, रविवार को मुरैना जिले की अंबाह तहसील के एसडीएम राजीव समाधिया के साथ। ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर मामले निपटाने वाले अफसर टायर चलाते दिखे, तो लोग दंग रह गए।
असल में, रविवार सुबह राजीव समाधिया पार्क में टहलने गए थे। यहां उन्होंने बच्चों को साइकिल का टायर (पहिया) डंडे की मदद से चलाते देखा। उन्हें भी अपना बचपन याद आ गया। समाधिया ने भी बिंदास होकर बच्चों से टायर ले लिया। इसके बाद खुद ही बच्चों की तरह चलाने लगे। वहां मौजूद लोगों ने इसका मोबाइल से इसका वीडियो बना लिया।
वह बच्चा, जिससे टायर लेकर एसडीएम ने चलाया
गरीबों की पहले सुनते हैं
राजीव समाधिया का जीवन गरीबी में बीता। मेहनत और लगन के बल पर वह अफसर बने हैं। यही कारण है कि राजीव समाधिया गरीब लोगों की सबसे पहले सुनवाई करते हैं। उनके बंगले पर भी अगर कोई गरीब व्यक्ति पहुंचता है, तो वह जेब से भी पैसे देकर उसकी मदद करते हैं। पूछने पर बताते हैं कि गरीब का कोई नहीं होता, इसलिए उसकी मदद करना चाहिए। यही कारण है कि उनके कार्यालय में गरीब तबके के लोगों की भीड़ लगी रहती है।