बिलासपुर// समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी और पूर्व विधायक विनोद वर्मा का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलु हैं। उन्होंने कहा कि यहां के 50% लोग UP और बिहार से हैं, उसमें से 5% लोग दूसरे माइंड के होंगे। बाकी सब लोहियावादी हैं। लोकतंत्र में सभी लोगों को चुनाव लड़ने का हक है। हम छत्तीसगढ़ के पूरे 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसी सिलसिले में उनका यह दौरा है। विश्वास है कि इस बार चुनाव में पार्टी के लोग MLA बनकर पार्टी का मान सम्मान बढ़ाएंगे और खाता खोलेंगे।
समाजवादी पार्टी ने पिछली बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर जीत दर्ज की थी। यही वजह है कि पार्टी अब छत्तीसगढ़ में भी जमीन तलाश रही है।
छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में है। बिलासपुर में पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनोद वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ हमारे आराध्य डॉ. राममनोहर लोहिया की कर्मभूमि रही है। वे सोशलिस्ट पार्टी के जनक थे।
विनोद ने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में उन्होंने काम किया है। आदिवासी और जंगलवासियों के विकास के लिए काम किया। आज भी यहां बहुत से लोहियावादी लोग हैं। यहां तक के प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल भी लोहियावादी हैं।
सपा के प्रदेश प्रभारी ने बिलासपुर में पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
पार्टी के निर्देश पर कर रहे हैं दौरा
उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उन्हें छत्तीसगढ़ भेजा है, जिसके बाद वे पूरे प्रदेश के अलग-अलग संभाग का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वे पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रायशुमारी कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें लोगों को पार्टी से जोड़ने और विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा गया है।
MP और CG दोनों जगह पर है सपा की नजर
दरअसल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एक साथ विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेता मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी इंटरेस्ट ले रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश प्रभारी पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं। पार्टी यहां भी सीटों में अपनी जमीन तलाशने के लिए मैदानी इलाकों में पार्टी के नेताओं को भेज रही है। हालांकि उन्हें कितनी सफलता इस चुनाव में मिलेगी यह कहना अभी मुश्किल है।