छत्तीसगढ़: जांजगीर जिले में हुए हादसे के बाद पिछले 24 घंटे से एक मूक-बधिर और मानसिक रूप से कमजोर बच्चा 50 फीट गहरे बोरवेल में फंसा हुआ है। वो ना मदद की गुहार लगा सकता है ना यह बता सकता है कि वह कैसा है, ना ही बाहर से रेस्क्यू ऑपरेशन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की आवाज सुनकर रिस्पॉन्स कर सकता है। मानसिक रूप से कमजोर बच्चा घबराया हुआ है। यह बात इस रेस्क्यू ऑपरेशन की बड़ी परेशानियां साबित हो रही है।
घटना जांजगीर जिले के मालखरौदा विकासखंड के ग्राम पिहरीद में हुई है। शुक्रवार की दोपहर बोरवेल के पास खेलते हुए राहुल नाम का बच्चा बोरवेल में गिर गया। तब से वह अंदर ही फंसा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े हुए अधिकारियों ने बताया कि राहुल बचाव दल की बातें नहीं समझ पा रहा। टीम उसे रस्सी के सहारे फल और खाने की चीजें पहुंचा रही है, वह उन्हें पकड़ रहा है खा भी रहा है। लेकिन जब उसे बाहर निकालने के लिए मोटी रस्सी भेजी जाती है, वह उसे नहीं पकड़ पा रहा। शायद अंदर फंसे बच्चे को समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर करना क्या है।
बच्चे के पिता से सीएम ने की बात।
पिता चींख रहा मगर…
रेस्क्यू टीम बच्चे से संपर्क करने के लिए उसके माता पिता की मदद भी ले रही है। रेस्क्यू दल के साथ बच्चे का पिता भी गड्ढे की ओर मुंह करके बार बार चींखकर बेटे को समझाने की कोशिश कर रहा है। मगर वो भी जानता है बेटा सुन नहीं सकता, मगर पिता हौसला बांधे हुए इस आस में है कि बेटा बाहर सकुशल निकल आए
दूसरी तरफ और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम एक दूसरा गड्ढा भी तैयार कर रही है। दूसरी गड्ढे से लगभग 50 फीट भीतर फंसे बच्चे को सुराख करके निकाला जा सकता है। लेकिन रेस्क्यू टीम को खुदाई के दौरान कई बड़ी पत्थर और चट्टानों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं।
विशेष कैमरे से बच्चे को मूवमेंट करते देखा गया है।
रोबोट का इंतजार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बीती रात से लगातार रेस्क्यू का अपडेट लेते रहे। उन्होंने राहुल के परिजनों से वीडियो कॉल पर बात की और उन्हें राहुल को बचा लेने का भरोसा दिलाया। चुनौतियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बचाव कार्य में रोबोट की मदद लेने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं। सूरत के रोबेट विशेषज्ञ महेश अहीर से राज्य के अधिकारियों ने संपर्क किया है। उनकी टीम के शाम तक पिहरीद पहुंचने की उम्मीद है।
इसे गड्ढे में राहुल गिर गया था।
राहुल को बचाने के मिशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और प्रशासन की टीमें लगी हुई हैं। जिले के कलेक्टर भी मौके पर मौजूद हैं। पिहारिद गांव का राहुल साहू (10) शुक्रवार दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है।