Friday, May 3, 2024
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BCC News 24: BIG न्यूज़- लाश की टांग पकड़कर खींचने लगी पुलिस.. बुजुर्ग ने पोस्टमॉर्टम से रोका, बोला- टुकड़ों में नहीं चाहिए बेटा; पुलिस नहीं मानी

मध्यप्रदेश: भोपाल के एक निजी अस्पताल में युवक की मौत से दुखी पिता के साथ पुलिस के अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। बुजुर्ग अपने मृत बेटे का पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहता था, और इसके लिए पुलिस को रोक रहा था। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने दुखी पिता को समझाने की बजाय, उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें धक्का देकर हटा दिया, साथ ही शव को भी पैर से खींचकर एंबुलेंस से निकाला।

आखिरकार पुलिस ने जबरन शव का पीएम करवाया। इसके बाद नाराज पिता ने शव लेने से ही इनकार कर दिया। कहा कि मेरा बेटा साबूत था, टुकड़ों में शव नहीं चाहिए। इसे आप ही रखिए। इसके बाद पुलिस ने शव को मृतक की मां और अन्य परिजन को सौंपा। पिता ने हॉस्पिटल वालों पर लापरवाही और पुलिस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया।

ये है पूरा मामला
पिपरिया के रहने वाले सुनील मेहरा (24) और सौरभ मेहरा (22) रविवार को अपनी बुआ के लड़के की बर्थडे पार्टी में पचमढ़ी गए थे। सुनील के जीजा कन्हैया लाल ने बताया कि रात करीब 11 बजे सुनील का फोन आया कि छोटे भाई सौरभ ने ज्यादा शराब पी ली है। इसके बाद सुबह 6 बजे तक दोनों घर नहीं आए, तो उन्होंने सौरभ को फोन किया। सौरभ ने बताया कि बड़ा भाई सुनील रास्ते में जमीन पर पड़ा है। जीजा ने सोचा ज्यादा शराब पीने के कारण दोनों कहीं गिर गए होंगे।

सुनील को हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इलाज के दौरान उसके पास उसकी मां भी बैठी रही।

सुनील को हमीदिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इलाज के दौरान उसके पास उसकी मां भी बैठी रही।

चार अस्पताल में इलाज, रात को सुनील की मौत
इसके बाद कन्हैया और उसका साथी दोनों को वापस लाने के लिए निकले। मौके पर पहुंचे तो देखा कि उनकी बाइक स्लिप हो गई थी। दोनों भाई जमीन पर पड़े हैं, बड़ा भाई सुनील बेहोश था। उसे पिपरिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने करीब 3 बजे उसे होशंगाबाद जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया। रात करीब 10 बजे प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया। हालत नहीं सुधरने पर डॉक्टरों ने उसे हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख परिजनों ने उसे भोपाल के ही निजी हॉस्पिटल में करीब शाम 5 बजे भर्ती कराया। यहां गुरुवार रात 8 बजे उसकी मौत हो गई।

पिता बेटे के पैर पकड़ बैठा रहा
परिजनों ने बताया कि सुनील घर का बड़ा बेटा था। वह राइस मिल में काम करता था। पिता को उससे बड़ा लगाव था। वह इलाज के दौरान बेटे के पैर पकड़ कर बैठा रहा। मां भी बेटे की मौत की खबर सुनकर बेसुध हो गई। सुनील के पिता नहीं चाहते थे कि उनके बेटे का पीएम किया जाए, हालांकि कानूनी प्रक्रिया होने की वजह से पुलिस और हॉस्पिटल प्रबंधन शव को मॉर्च्युरी ले आए, जिससे वो बेहद नाराज हो गए।

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