Tuesday, April 30, 2024
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BCC News 24: ये है भारत का अनोखा गांव, जहां के लोग एक देश में खाते हैं और दूसरे देश में सोते हैं

एक गांव ऐसा है, जो देशों के बीच में है. यहां रहने वाले कई लोगों के खेत और घर भी दो देशों के बीच है. यानी घर का बेडरूम एक देश में है तो किचन दूसरे देश में.

  • नागालैंड में है लोंगवा नाम का अनोखा गांव.
  • गांव के बीच से होकर जाती है म्यांमार की सीमा.
  • लोंगवा गांव में कोंयाक आदिवासी रहते हैं.

नई दिल्ली: अपने देश में अनेक गांव हैं. करीब 70 फीसदी आबादी आज भी गांव में जीवन यापन कर रही है. लेकिन एक गांव ऐसा है, जो देशों के बीच में है. यहां रहने वाले कई लोगों के खेत और घर भी दो देशों के बीच है. यानी घर का बेडरूम एक देश में है तो किचन दूसरे देश में. सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां के ग्रामीणों को सीमा पार करने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है. बल्कि वो तो दोनों देश में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं. चलिए जानते हैं इस गांव से जुड़ी रोचक बातें.

म्यांमार सीमा से सटा हुआ भारत का है आखिरी गांव 

हम बात कर रहे हैं, नागालैंड (Nagaland) में एक लोंगवा गांव (Longwa Village) की. ये गांव मोन जिले के सबसे बड़े गांवों में आता है. ये एक ऐसा गांव है, जहां से भारत और म्यांमार की सीमा गुजरती है. ये घने जंगलों के बीच म्यांमार सीमा से सटा हुआ भारत का आखिरी गांव है. यहां कोंयाक आदिवासी रहते हैं. इन्हें बेहद ही खूंखार माना जाता है. अपने कबीले की सत्ता और जमीन पर कब्जे के लिए वो अक्सर पड़ोस के गांवों से लड़ाइयां किया करते थे.

गांव के कई लोग हैं म्यांमार की सेना में शामिल

आपको बता दें कि म्यांमार की तरफ करीब 27 कोन्याक गांव हैं. वहीं नागालैंड के लोग काफी मिलनसार हैं और यहां के कुछ स्थानीय लोग म्यांमार सेना में शामिल हैं. 1960 के दशक तक गांव में सिर का शिकार एक लोकप्रिय प्रथा रही है, जिस पर 1940 में प्रतिबंध लगाया गया. इस गांव के कई परिवार के पास पीतल की खोपड़ी का हार पाया जाता है, इसे जरूरी मान्यता बताया जाता है.

गांव के मुखिया की हैं 60 पत्नियां

यहां के राजा की 60 पत्नियां हैं. ‘द अंग’, जो गांव के वंशानुगत मुखिया हैं उनकी 60 पत्नियां हैं. म्यांमार और अरुणाचल प्रदेश के 70 से अधिक गांवों में उनका प्रभुत्व है. ऐसा माना जाता है कि यहां अफीम का सेवन अधिक होता है, जिसकी पैदावार गांव में नहीं की जाती है बल्कि म्यांमार से सीमा पार तस्करी की जाती है.

घूमने के लिए बेहतरीन प्लेस

बता दें कि लोंगवा गांव घूमने के लिए एक बेहतर जगह है. यहां का शांत वातावरण और हरियाली लोगों का दिल जीत लेती है. प्रकृति के आकर्षण के अलावा, यहां डोयांग नदी, शिलोई झील, नागालैंड साइंस सेंटर, हांगकांग मार्केट और कई पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं. सीमा सड़क संगठन से लोंगवा गांव आसानी से जा सकते हैं और गांव मोन शहर से करीब 42 किलोमीटर दूर है. आप यहां कार भी किराए पर ले जा सकते हैं.

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