Saturday, May 4, 2024
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कोरबा: जिले में हुई अनोखी शादी.. दुल्हन विदा हुई 101 पौधों के साथ, मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट में मिले मेडिसिनल प्लांट्स

छत्तीसगढ़: कोरबा जिले में एक ऐसी शादी हुई जो बेहद अनोखी थी। यहां तोहफों के नाम पर पैसों की बर्बादी नहीं हुई। बल्कि चिंतन हुआ पर्यावरण के संतुलन का। लोगों को भी प्रेरित किया गया वो अपनी छोटी-छोटी कोशिशों से कैसे घटती हरियाली को बचा सकते हैं।

दरअसल इस शादी में दुल्हन को 101 पौधों के साथ विदा किया गया। जो मेहमान, दोस्त, रिश्तेदार इस शादी में आए थे उन्हें भी अनोखा तोहफा मिला। रिटर्न गिफ्ट में सभी को फलदार और औषधीय (मेडिसिनल) प्लांट्स दिए गए। ताकि वो न सिर्फ घर को हरा-भरा रखें बल्कि पौधों से उनका फायदा हो।

कोरबा की निशा का हुआ विवाह।

कोरबा की निशा का हुआ विवाह।

ये शादी है महतो परिवार की। दीपका, कोरबा जिले में रहने वाले निवासी चंद्रभूषण महतो और भुवनेश्वरी महतो की बेटी निशा का विवाह बालको निवासी भागवत जायसवाल और अनिता जायसवाल के बेटे स्वतंत्र जायसवाल से साथ हुआ। इस शादी में अपनी बहन को सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत महतो ने दहेज में 101 पौधे दिए गए जिसमें कई फलदार, छायादार पौधे शामिल हैं।

कन्यादान की रस्म के दौरान।

कन्यादान की रस्म के दौरान।

ऐसे आया आइडिया
प्रशांत महतो बताते है इस आइडिया के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से प्रमुख जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संतुलन के प्रति भावनात्मक रूप से लोगों को जोड़ने की कोशिश है। प्रशांत ने कहा वैवाहिक समारोह में महंगे खर्चीले अनुपयोगी गिफ्ट देने की परंपरा भी बंद होनी चाहिए। लोग जो गिफ्ट सामान देते हैं वो लोग या तो एक दूसरे को ही देते रहते हैं या फिर कुछ समय में अनुपयोगी हो जाते हैं। लेकिन शिद्दत से लगाया एक पौधा, पेड़ बनकर सैकडों सालों तक कॉर्बनडाई ऑक्साइड अवशोषित कर ऑक्सीजन उत्सर्जित करता रहेगा।

शादी में धार्मिक किताबें भी दी गईं।

शादी में धार्मिक किताबें भी दी गईं।

खुद की शादी में मांगी थी पुरानी किताबें
प्रशांत महतो ने 2017 में अपने विवाह के दौरान भी कार्ड में गिफ्ट के बजाय नई पुरानी किताबें लाने की अपील की थी। प्रशांत अपने समूह चरामेति फाउंडेशन के जरिए इस चलन को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। अब कई शहरों में इनका संगठन दशगात्र, छठी, आदि कार्यकर्मो में भी पौधे आदान प्रदान करता है। अप्रेल 2018 को अपनी एक और बहन मनीषा महतो के विवाह कार्यक्रम में उपहार में पौधे ही दिए थे, अब तक प्रशांत 172 से ज्यादा वैवाहिक समारोह में पौधे दे चुके हैं।

इन मेहमानों को भी पौधे मिले।

इन मेहमानों को भी पौधे मिले।

हसदेव में 1 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
प्रशांत महतो ने बताया कि हम सामाजिक संस्थाओं की मदद से हसदेव नदी के तट तरदा गांव में 1 लाख पौध रोपण करेंगे। प्रथम दो चरणों मे 3000 पौधे रोपित किये गए हैं। पौधों को पेड़ बना सकें इसलिए वॉलेंटियर्स इनका ध्यान रखते हैं।

प्रदेश में हुई अनोखी शादियों की खबरें नीचे पढ़िए..

महासमुंद जिले में 7 दिन पहले एक अनोखी शादी देखने को मिली थी। यहां एक दूल्हा बैलगाड़ी में सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने पहुंचा। उसकी बारात बैलगाड़ी में निकली। बाराती किसान के गेटअप में नजर आए। इस दौरान जिन लोगों ने भी इस अनोखी बारात को देखा वो हैरान रह गया। बारातियों ने इस अनोखी बारात में जमकर डांस किया।

रायपुर के लोधीपारा इलाके में रहने वाले अनुराग साहू की बारात सोमवार को महासमुंद आई थी। अनुराग ठेकेदारी का काम करते हैं। उनके पिता बेमेतरा के नवागढ़ में खेती किसानी का काम करते हैं। अनुराग की शादी महासमुंद की रहने वाली भाविका साहू से कुछ समय पहले ही तय हुई थी। इसके बाद 29 नवंबर को शादी थी।

राजधानी रायपुर से अनुराग की बारात दोपहर 4 बजे के आस-पास महासमुंद के एक पैलेस में पहुंच गई थी। यहां लड़की वालों ने बारातियों को पहले स्वागत किया। फिर बारात जनमासा स्थल से जब निकली, तब देखने वाले भी हैरान रह गए। रोड में दूल्हा कार या घोड़े पर नहीं, बल्कि बैलगाड़ी में बैठा हुआ था। अगल-बगल बैंड और डीजे बज रहा था।

जिन्हें नहीं बुलाया, वह भी आ गए

आम तौर पर शादी में लोग शूट, कुर्ते पैजामे या जींस-शर्ट में नजर आते हैं। मगर इस बारात में कुछ लोग किसान बनकर ही पहुंचे थे। इन बारातियों ने सिर में पगड़ी, गले में गमछा और धोती पहन रखी था। मकसद था ये पूरे तरह किसान लगें। बारातियों को मानना था कि शादी में हमारी छत्तीसगढ़ी परंपरा दिखे और हम लोग खेती किसान से जुड़े हैं, वह भी दिखना चाहिए। कुछ लोग तो दूल्हे के साथ सेल्फी लेने ही पहुंच गए, जिन्हें नहीं भी बुलाया गया था वह भी दूल्हे के साथ सेल्फी लेते नजर आए।

हेलीकॉप्टर से विदा हुई दुल्हन

मुंगेली जिले में एक अनोखी शादी हुई है। जहां एक दूल्हा-दुल्हन किसी गाड़ी से नहीं बल्कि एक हेलीकॉप्टर में विदा हुए हैं। बताया गया है कि दुल्हा अपने दादा जी का सपना पूरा करने बारात लेकर हेलीकॉप्टर से आना चाहता था। लेकिन अचानक बारिश हो गई, जिसके कारण वो बारात लेकर तो हेलीकॉप्टर से नहीं आ सका। पर अगले दिन अपनी दुल्हन को लेकर हेलीकॉप्टर से ही विदा हुआ है। इतना ही नहीं वर पक्ष ने शादी के कार्ड के माध्यम से नशे से दूर रहने की भी सीख दी है। शादी कार्ड में गुटखा खाकर आने पर जुर्माना लगाने और शराबियों को पता बताने के लिए इनाम देने की भी बात लिखी गई थी।

एयर बैलून से 70 फीट ऊंचाई पर जाकर दूल्हा-दुल्हन ने पहनाई वरमाला

8 दिन पहले भिलाई शहर में अनोखी शादी देखने को मिली थी। इस शादी में वर और वधु एयर बैलून में बैठकर 70 फीट ऊंचाई पर गए। इसके बाद वहां उन्होंने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। जिसके बाद से पूरे शहर में इस अनोखी शादी को लेकर पूरे शहर में चर्चा चल रही है। लड़की के पिता अवधेश पाण्डेय ने बताया कि, उनके अरमान थे कि वो अपनी बेटियों की शादी में कुछ अलग करें।

यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी अवधेश पाण्डेय अपनी बड़ी बेटी की शादी में इसी तरह की वरमाला की रस्म करा चुके हैं। एयर बैलून इतना विशाल था कि उसके लिए काफी बड़े ग्राउंड की जरूरत थी। इसको देखते हुए पाण्डेय परिवार ने सेक्टर-7 दशहरा मैदान में शादी का आयोजन तय किया। शुक्रवार देर रात 11 बजे करीब एयर बैलून दूल्हा दुल्हन को लेकर आसमान में उड़ा। इसके बाद 70 फीट की ऊंचाई में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई।

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