बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने छत्तीसगढ़ में असर दिखाना शुरू कर दिया है। बस्तर संभाग में घने बादलों ने डेरा जमा लिया है। संभाग के सातों जिलों में कई स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश की संभावना बन रही है। मौसम विभाग ने इसकी चेतावनी जारी की है। वहीं, प्रदेशभर में अब तक सामान्य से 14 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, बस्तर संभाग के सभी जिलों में भारी से अति भारी बरसात होने की संभावना है। बस्तर से लगे जिलों में भी भारी बारिश हो सकती है। मौसम वैज्ञानियों के मुताबिक मानसून द्रोणिका अनुपगढ़, हिसार, दिल्ली, हरदोई, सीधी, कोरबा, बलांगीर और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर मध्य-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है, जिसका विस्तार साढ़े चार किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से बरसात का यह माहौल बना है।
प्रदेश के दूसरे हिस्सों में हल्की से मध्यम स्तर की बरसात की संभावना बन रही है। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने पहले भी बताया था, 5 सितंबर के बाद अच्छी बरसात की संभावना बन रही है। इस बार भारी बरसात का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ हो सकता है।
सुकमा जिले में सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक आज सुबह 8.30 बजे तक प्रदेश भर में औसतन 851.4 मिलीमीटर बरसात हुई है। यह सामान्य से 14 प्रतिशत कम है। सामान्य तौर पर एक जून से 6 सितंबर तक औसतन 990.8 मिलीमीटर बरसात होती रही है। बस्तर के कांकेर जिले में 33 प्रतिशत कम बरसात है। यह प्रदेश में सबसे कम है। रायपुर में भी सामान्य से 29 प्रतिशत कम पानी बरसा है। सबसे अधिक बरसात बस्तर के ही सुकमा जिले में हुई है। यहां सामान्य से 41 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है। सूरजपुर और कबीरधाम में भी अच्छी बरसात हुई है।
सितंबर में बरसात का ऐसा है पुराना रिकॉर्ड
मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर तक मानसून का असर कम होने लगता है। इस महीने में सामान्य तौर पर कुल 9 से 10 दिन ही बरसात होती रही है। सामान्य तौर पर औसतन 200 मिमी पानी बरसता है। पिछले वर्ष यानी सितंबर 2020 में केवल 92 मिमी पानी बरसा था। पिछले 10 वर्षों के दौरान सितंबर में सबसे अधिक बरसात 2019 में हुई। उस साल 493 मिमी बरसात दर्ज हुई थी। 2016 में 394 और 2011 में 354 मिमी बरसात का रिकॉर्ड है।