Thursday, May 2, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाकाेरबा: 2 माह का ढाई लाख बकाया, पेट्राेल पंप में उधार नहीं...

काेरबा: 2 माह का ढाई लाख बकाया, पेट्राेल पंप में उधार नहीं चुकाया ताे मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल ब्लैक लिस्टेड; 30 दिन से डीजल सप्लाई बंद…

पेट्राेल पंप में अब तक निजी कंपनियाें व फर्म काे समय पर भुगतान न करने के कारण ब्लैक लिस्टेड हाेते सुना गया हाेगा, लेकिन काेरबा के एक पेट्राेल पंप में मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल ही ब्लैक लिस्टेड हाे गई है। इससे 4 सप्ताह से पंप से डीजल सप्लाई बंद है। इससे हाॅस्पिटल में इमरजेंसी के लिए ऑन काॅल ड्यूटी में उपयाेग हाेने वाले एंबुलेंस समेत डीजी सेट का संचालन प्रभावित हाे रहा है। अब अधिकारी जेब से नकद रकम लगाकर एंबुलेंस के लिए डीजल खरीद रहे हैं।

जिला अस्पताल के मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के रूप में संचालन शुरू हाेने के बाद व्यवस्था बदल रही है, लेकिन इसके साथ ही कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। इसमें एक विभाग काे शासन से भुगतान नहीं हाेने से पेट्राेल पंप ने ब्लैक लिस्टेड मानकर डीजल की सप्लाई राेक दी है। दरअसल मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल काे 3 माह पहले रिस्दी स्थित श्री बालाजी फ्यूल पाइंट से उधार में डीजल की सप्लाई शुरू हुई थी, जहां शुरुआत के हफ्ते भर में बने 63 हजार के बिल का भुगतान 2 सप्ताह के भीतर कर दिया, लेकिन इसके बाद डेढ़ माह से अधिक समय तक ढाई लाख से अधिक के डीजल का भुगतान अटक गया।

शर्ताें के तहत हाॅस्पिटल की ओर से 1 से 30 तारीख तक लिए डीजल के बिल का भुगतान हफ्ते-दस दिन के भीतर करना था, लेकिन डेढ़ माह से अधिक समय से भुगतान अटका है। अब पेट्राेल पंप संचालक द्वारा भुगतान प्राप्त करने पत्र-बाजी की जा रही है, लेकिन भुगतान नहीं हाे रहा। मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के डीन डाॅ. वायडी बड़गईया ने जीवनदीप समिति काे आपातकालीन सेवा के लिए 50 हजार रुपए नगद उपलब्ध कराने पत्र लिखा था, लेकिन अनुमति नहीं मिली। ऐसे में अब मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के अधिकारियाें काे व्यवस्था संभालने खुद की जेब से नकद रकम लगाकर एंबुलेंस में डीजल भरवाना पड़ रहा है। चर्चा है कि ऐसी स्थिति मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल में अधिकारियाें के बीच चल रही खींचतान से बनी है।

जरूरत और मजबूरी: 5 साै रुपए के डीजल के भराेसे कटती है पूरी रात
मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल में रात में इमरजेंसी केस आने पर डाॅक्टर की ऑन-काॅल ड्यूटी पर लाने और घर पहुंचाने एक एंबुलेंस है। अब उधार में डीजल नहीं मिल रहा। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी रात में ऑन-काॅल ड्यूटी पर डाॅक्टर काे लाने में दिक्कत न हाे, इसके लिए खुद ही जेब से रकम लगा डीजल भरवा रहे हैं। शाम के समय एंबुलेंस में 5 साै रुपए का डीजल डलवाया जाता है।

5 डीजी सेट चल रहे: पहले खपत थी कम, अब कई गुना अधिक बढ़ गई
जिला अस्पताल में डाॅक्टराें काे इमरजेंसी ड्यूटी में लाने-ले जाने के लिए प्रयुक्त एंबुलेंस और एकमात्र डीजी सेट में डीजल लगता था। इसलिए खपत कम थी, लेकिन अब एंबुलेंस एक ही है, लेकिन चिकित्सा कक्ष व विभाग समेत उपकरणाें के बढ़ने से 5 डीजी सेट चल रहे हैं। डीजल की खपत बढ़ गई है। इस कारण पेट्राेल पंप में डीजल का बिल ज्यादा आ रहा है।

उधारी बंद: पहले चाैरसिया पेट्राेल पंप में चलती थी सरकारी उधारी
जिला अस्पताल की एंबुलेंस समेत डीजी सेट के लिए पहले ट्रांसपाेर्ट नगर के चाैरसिया पेट्राेल पंप से उधारी में डीजल मिलता था। पंप संचालक वैभव चाैरसिया ने बताया जिला अस्पताल से बिल का नियमित भुगतान हाेता था। मई में उनके पंप से सरकारी विभाग समेत अन्य काे उधारी बंद कर दी। इसके बाद से जिला अस्पताल के लिए रिस्दी स्थित बालाजी फ्यूल पाइंट से सप्लाई हाे रही है।

रूका है ढाई लाख से अधिक का भुगतान, इसलिए लगाई राेक
श्री बालाजी फ्यूल पाइंट के मनीष अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल के लिए पंप से 24 मई से डीजल की सप्लाई शुरू हुई थी। 2 जून से 22 जुलाई तक 2 लाख 55 हजार 293 रुपए के डीजल का भुगतान नहीं किया गया। कई बार भुगतान के लिए पत्र लिखने के बाद भी अब तक प्राेसेस में है बताया जा रहा है। पार्ट पेमेंट भी नहीं किया जा रहा है। इसलिए डीजल की सप्लाई राेकी है।

शासन स्तर पर रुका है भुगतान, डिमांड भेजा पर अब तक नहीं मिला
मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के लेखा विभाग के अधिकारी याेगेश थवाईत ने बताया कि हाॅस्पिटल के एंबुलेंस व डीजी सेट के संचालन के लिए डीजल उधार में लेते है। इसका भुगतान शासन स्तर पर प्राप्त हाेता है। हाॅस्पिटल का आधिपत्य बदलने के बाद की शासन स्तर पर प्रक्रिया अटकी है। शासन काे डिमांड भेजा है। अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।

भुगतान नहीं हाेने से डीजल सप्लाई बंद, निर्देश दिया है: डॉ. बड़गईया
मेडिकल काॅलेज हाॅस्पिटल के डीन डाॅ. वायडी बड़गईया ने बताया पेट्राेल पंप के बकाया का भुगतान नहीं हाेने से डीजल सप्लाई बंद हाे गई है। संबंधित विभाग काे जल्द भुगतान करने निर्देश दिया है। आपातकालीन सेवा के लिए जेडीएस से नकद भुगतान के लिए राशि उपलब्ध कराने पत्र लिखा था। इसमें अब तक अनुमति नहीं मिली है। वैकल्पिक व्यवस्था कर एंबुलेंस चला रहे हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular