Saturday, May 18, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाछत्तीसगढ़: प्रदेश में पहली बार- फीस नहीं चुका पाने वाले पालकों को...

छत्तीसगढ़: प्रदेश में पहली बार- फीस नहीं चुका पाने वाले पालकों को स्कूल ने भेजा कानूनी नोटिस…… वकील बोलीं- कानूनन सही है नोटिस भेजना, अवमानना का मामला बनता है

राजनांदगांव। प्राइवेट स्कूलों के फीस का मुद्दा सुलझता नहीं दिख रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी तर्क और जिरह का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। अब इन सबसे मामला दो कदम आगे बढ़कर पालकों को कानूनी नोटिस भेजे जाने तक पहुंच गया है। प्रदेश में पहली बार फीस नहीं चुका पाने वाले पालकों को स्कूल की तरफ से वकीलों के जरिये नोटिस भेजा जा रहा है। मामला राजनांदगांव के जेएलएम गायत्री विद्यापीठ का है। इस स्कूल ने वकील प्रियंका राय के जरिये पालकों को नोटिस भेजा गया है।

अलग-अलग बिंदुओं में भेजे गये नोटिस में जिस तरह अध्ययनरत छात्रा का नाम भी लिखा है। हालांकि वकील का कहना है कि हमने सभी पालकों को पोस्ट के जरिये नोटिस भेजा है, लेकिन पैरेंट्स ने ही नाम उजागर किये हैं। जेएलएम गायत्री विद्यापीठ केशरनगर कैलाश वार्ड राजनांदगांव में स्थित है। नोटिस में जिक्र किया गया है कि फीस जमा कराने को लेकर कई बार मौखिक रूप से सूचना दी गयी थी। साथ ही ये भी कहा गया था कि फीस नहीं जमा कराने की वजह को लेकर कोई दस्तावेज है, तो वो भी स्कूलों में दर्शाये, लेकिन फीस नहीं दिया गया, लिहाजा ये नोटिस भेजा जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक वकील प्रियंका राय की तरफ से कितने पालकों को इस तरह का नोटिस दिया गया है, इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है, हालांकि उनसे इस बात की जानकारी चाही, तो उन्होंने कहा कि…

“देखिये, मैं इसकी जानकारी आपको नहीं दे सकती, मैं इतना जरूर बता सकती है कि मैंने नोटिस भेजा है और कोई भी विक्टिम हो, वो वकील के माध्यम से नोटिस भेज सकता है”

नाबालिग छात्रों की पहचान उजागर किये जाने के मुद्दे पर हालांकि वकील ने कहा कि उन्होंने कोई नाम उजागर नहीं किया है, बल्कि पोस्ट के जरिये नोटिस भेजा गया था, लेकिन खुद से पैरेंट्स ने ही नाम उजागर किया है। जब इस पूरे मुद्दे पर कानूनी प्रावधान के बारे में वकील प्रियंका राय से जानकारी चाही गयी, तो उन्होंने कहा कि ..

“इसका पूरा प्रावधान है कि कोई भी पीड़ित पक्ष वकील के माध्यम से नोटिस भेजे, नोटिस भेजा जा सकता है। जहां तक इसे लीगली चैलेंजेबल करने की बात है, तो निश्चित रूप से ये कानूनन वैध है। हमने ये नोटिस हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भेजा है, हाईकोर्ट ने कहा है कि ट्यूशन फीस देनी है, उसके बाद भी कई पैरेंट्स नहीं दे रहे थे, वो हाईकोर्ट की अवमानना कर रहे हैं, जो सक्षम होते हुए भी फीस नहीं चुका रहे हैं, वैसे पालकों के खिलाफ अवमानना का मामला बनता है”

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular