Thursday, May 2, 2024
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छत्तीसगढ़: 12 साल के बच्चे ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में मां के खाते से उड़ाए 3 लाख से अधिक रूपए…गेम के लेवल काे अपग्रेड करने में खर्च कर दिए पैसे

कांकेर: सोशल मीडिया में परोसे जा रहे फ्री ऑनलाइन गेम के कारण कांकेर में एक महिला के खाते से 3.22 लाख रुपए कट गए। पखांजूर में ऐसी ही घटना सामने आई, जिसमें खाते से लाखों रुपए गायब होने की वजह अब तक ऑनलाइन ठगी मानी जा रही थी, लेकिन मामला ऑनलाइन गेमिंग का निकला। जांच में खुलासा हुआ कि शिकायतकर्ता महिला के 12 साल के बेटे ने 3 महीने में ही मां के खाते से 278 बार में 3.22 लाख रुपए गेम के लेवल काे अपग्रेड करने में खर्च कर दिए।

दरअसल, पखांजूर के पीवी 12 मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षिका शुभ्रा पाल ने 11 जून पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि 8 मार्च से 10 जून के बीच उसके खाते से 278 बार ट्रांजेक्शन कर 3.22 लाख निकाल लिए गए। यह भी कहा था कि एक बार भी उसके मोबाइल में ओटीपी नहीं आया। इसे ऑनलाइन ठगी का नया पैंतरा माना जा रहा था। पुलिस ने जांच की तो बैंक से पता चला खाते में लिंक मोबाइल नंबर से ही पैसा ट्रांजेक्शन किया गया है।

जांच आगे बढ़ी तो पता चला पैसा ऑनलाइन गेम खेलने व गेमिंग लेवल अपग्रेड करने में खर्च किया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि इस मोबाइल से उसका 12 साल का बेटा ही ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलता था। पूछताछ में बेटे ने बताया कि वो फ्री फायर गेम खेलने का इस कदर आदी हो चुका था कि गेम को अपग्रेड कर गेमिंग हथियार खरीदना चाहता था। इसलिए वो मां के मोबाइल नंबर को बैंक एकाउंट से जोड़कर पैसे ट्रांजेक्शन करने लगा।

इस घटना के साथ खुलासा हुआ कि इलाके में कई बच्चे इस गेम की गिरफ्त में हैं। यह बालक भी अपने मोहल्ले के अधिक उम्र के बच्चे व युवकों के साथ ऑनलाइन गेम खेलता था। कुछ अन्य बच्चों की भी इसी तरह ऑनलाइन खरीदी की बात सामने आ रही है। बालक के परिजन का आरोप है उनके बेटे ने किसी बड़े बच्चे के बहकावे में आकर ऐसा किया है।

ऑनलाइन नहीं तो नगदी भी देते हैं पैसे
जांच में सामने आया इस गेम के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा है। ऐसे कई मामले समाने आए जिसमें बच्चें घर से जेब खर्च और नगद पैसे चोरी कर इस गेम में खर्च कर रहे हैं। जिन बच्चों के पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है वे किसी और से ऑनलाइन खरीददारी करने उन्हें नगद पैसे देते हैं और वे उन्हें ऑनलाइन सामान मुहैया कराते हैं।

बैंक एकाउंट की जानकारी बच्चों से रखें दूर
साइबर सेल प्रभारी एसआई सत्येंद्र सिंग ने कहा बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए। ऑनलाइन रहने वाले बच्चों पर नजर रखने के साथ बैंक एकाउंट की जानकारी उनसे दूर रखना चाहिए।

बच्चों को मोबाइल से रखे दूर
पखांजूर थाना प्रभारी शरद दुबे ने कहा यह काफी चिंताजनक मामला है। बच्चे मोबाइल में क्या खेल रहे हैं इसकी पूरी जानकारी पालकों को रखनी चाहिए। यथासंभव जब तक बच्चें पूरी तरह परिपक्व न हो उन्हें मोबाइल से दूर ही रखा जाए।

बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की अच्छाई व बुराई दोनों बताएं
जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया ने कहा वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में खरीदी, पेमेंट के साथ पढ़ाई भी ऑनलाइन हो गई है। ऐसे में इससे बच्चे ज्यादा जुड़ रहे हैं। पालक बच्चों को ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने के साथ उन्हें इसकी अच्छाई व बुराई दोनों बताएं। बच्चों को बताएं लापरवाही बरतने से वे सायबर क्राइम व ठगी के शिकार हो सकते हैं। बेहतर है बच्चों को अपने सामने ही ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल करने दें।

फ्री फायर गेम ऐसे हो जाता है खर्चीला
ऑनलाइन गेम पबजी, कॉल ऑफ ड्यूटी आदि जैसे ही फ्री फायर गेम भी एक ऑनलाइन बैटल ग्राउंड गेम है। इसे ऑनलाइन सिंगल या ग्रुप में खेल सकते हैं। खेलने वाला एक सैनिक को को दूसरे से लड़ाता है। अंत में जो बचता है वह विजेता होता है। गेम निशुल्क भी है लेकिन इसमें खिलाड़ी के सैनिक को कोई सुविधा नहीं मिलती। बच्चे पहले इसे निःशुल्क खेलते हैं। लत लगने पर गेम अपडेट करने सुविधा के रूप में बंदूक आदि खरीदने ऑनलाइन पैसे भेजने लगते हैं।

रायगढ़ में हुई थी ऑनलाइन गेम के लिए उधार के चक्कर में हत्या

रायगढ़ में ऑनलाइन गेमिंग के लिए उधार ली गई रकम की चक्कर में 17 साल के एक छात्र की उसके ही दोस्त ने हत्या कर दी थी। मामला सारंगढ़ के पास कोसीर थाना क्षेत्र का था। उच्चभिट्‌टी निवासी लक्षेंद्र खूंटे (17) पुत्र जनक राम 9वीं कक्षा में पढ़ता था। उसके माता-पिता जम्मू में मजदूरी करते हैं। वह गांव में दादा और छोटे भाई के साथ रहता था। लक्षेंद्र 11 मार्च की दोपहर करीब 1.30 बजे इसलिए उसके दोस्त चमन खूंटे (25) ने इसलिए हत्या कर दी क्यों कि वह ऑनलाइन गेम खेलने के लिए उधार में लिए रुपए को लौटा नहीं रहा था।

छात्र के गायब होने के अगले दिन 12 मार्च को उसके माता-पिता के पास लक्षेंद्र के मोबाइल से उसके अपहरण का मैसेज भेजा गया। इसमें 5 लाख की फिरौती मांगी। यही मैसेज चमन ने अपने मोबाइल भी भेजा और उसे लेकर गांव में परिजनों के पास पहुंचा। दोनों जगह मैसेज पहुंचने पर परिजन पुलिस के पास पहुंचे थे, तब भी पुलिस ने चमन से पूछताछ की, लेकिन उसे छोड़ दिया था। बाद में चमन से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।

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