देश के प्रमुख शहरों में सबसे साफ और स्वच्छ शहर की प्रतिस्पर्धा का समय आ गया है। इस महीने कभी भी दिल्ली से आवास एवं पर्यावरण विभाग की टीम आ सकती है। पिछले सर्वे में देश के स्वच्छ शहरों में 21वां नंबर हासिल करने वाले रायपुर ने उन खामियों को दूर कर लिया है, जिनकी वजह से अच्छी रैंक नहीं मिली थी।
शहर के कचरे काे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने का प्लांट शुरू हो चुका है। हर वार्ड में 40 से ज्यादा सफाई कर्मियों को नियुक्त कर दिए गए हैं। इन्हीं प्रमुख कमियों के कारण पिछली बार उम्मीद के मुताबिक रैंक नहीं मिली थी।
स्वच्छता सर्वेक्षण इस बार 6000 अंकों का होगा। सबसे ज्यादा अंक पाने वाले शहरों की स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 के लिए रैंकिंग दी जाएगी। हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में रायपुर शहर ने 41वें नंबर से छलांग लगाकर 21वीं रैंकिंग हासिल की थी। इतनी लंबी छलांग के बावजूद शहर के सिस्टम में कई खामियां थीं।
इस बार निगम प्रशासन का पूरा जोर रायपुर को टॉप- 10 स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल कराना है। इसी के अनुसार प्रयास किया जा रहा है। दिसंबर में एमआईएस (मैनेजमेंट इंफर्मेशन सिस्टम)की तीसरी तिमाही पूरी हो चुकी है। अब इस महीने फील्ड सर्वे शुरू होगा।
हालांकि ओडीएफ में डबल प्लस पाकर स्वच्छता सर्वेक्षण का एक बड़ा पड़ाव रायपुर ने पार कर लिया है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने ओडीएफ डबल प्लस वाले शहरों की लिस्ट जारी की है। इसमें रायपुर का नाम शामिल है।
ओडीएफ डबल प्लस मिलने से 500 अंक मिल चुके हैं। अब शेष 5500 अंकों में अलग-अलग कैटेगरी के अंक हैं। अफसरों का दावा है कि रायपुर के लिए इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग हासिल करने लगभग सभी कैटेगरी में पर्याप्त काम हो चुके हैं। इसी वजह से उम्मीद की जा रही है कि रायपुर टॉप दस शहरों मंे शामिल हो सकता है।
कोरोना के कारण हुई देरी
कोरोना की वजह से इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण में देर से हो रहा है। आमतौर पर दिसंबर-जनवरी में सर्वे के लिए दिल्ली की टीम रायपुर पहुंचती है। हफ्तेभर में फील्ड सर्वे और लोगों से फीडबैक लिए जाते हैं। मार्च-अप्रैल तक शहरों की रैंकिंग जारी कर दी जाती है। इस साल मार्च अंत तक टीम आएगी। ऐसे में रैंकिंग जारी करने में देरी हो सकती है।
इस बार सर्वेक्षण के 6000 में से 2400 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस कैटेगरी में है। इस कैटेगरी में देखा जाएगा कि घरों से इकट्ठा होने वाला कचरा गीले-सूखे रूप में अलग किया जा रहा है या नहीं? कचरे का कलेक्शन कितना बेहतर है? कचरे की प्रोसेसिंग हो रही है या नहीं? और उसे साइंटिफिक तरीके से नष्ट किया जा रहा है या नहीं?
सफाई का सिस्टम कैसा है। सभी मापदंड पूरा करने ठोस रणनीति अपनाई जा रही है या नहीं? निगम अफसरों का कहना है कि केंद्र की टीम शहर का निरीक्षण करने पहुंचेगी, तब तक मशीनों से सड़कों की सफाई शुरू हो जाएगी। गौरतलब है, स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में इस बार चार नहीं, सिर्फ तीन कैटेगरी हैं।
पिछले सर्वे की इन खामियों को कर दिया दूर
- कचरा नष्ट करने का प्लांट शुरू
- हर वार्ड में 40 से ज्यादा सफाई कर्मी
- शहर में मुक्कड़ों की संख्या पहले से कम
- हर वार्ड में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन
- सफाई कर्मियों को यूनिफार्म और संसाधन
- महापौर ने सफाई की शिकायत सुनने शुरू की हेल्पलाइन
^ स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए निगम की टीम पूरी तरह तैयार है। जोन कमिश्नरों को भी हर वार्ड में सफाई व्यवस्था की रोज मानीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
एजाज ढेबर, महापौर रायपुर