Thursday, May 9, 2024
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लाॅकडाउन के बाद रजिस्ट्री 14 करोड़ रुपए से कम: रायपुर में पिछले तीन माह में प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री सबसे तेज हुई, 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की रजिस्ट्री…

  • इस साल के शुरुआती दो माह में औसतन 50-50 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री, मार्च में 80 करोड़ के पार होगा आंकड़ा

पिछले साल कोरोना और लॉकडाउन की वजह से रजिस्ट्री दफ्तर महीनों बंद रहे और जुलाई-अगस्त में शुरू हुआ, तो कुछ ही सौदे रजिस्ट्री के लिए पहुंच रहे थे। अक्टूबर-नवंबर तक महीने में बमुश्किल 30 करोड़ रुपए तक की रजिस्ट्री हो रही थी, लेकिन दिसंबर के बाद लगभग हर महीने प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त तेज हुई है। जनवरी और फरवरी में औसतन 50-50 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री हुई है।

वित्तीय साल का आखिरी महीना होने की वजह से बिल्डरों, कॉलोनाइजरों और अफसरों का दावा है कि इस महीने रजिस्ट्री का आंकड़ा 80 करोड़ से ज्यादा का होगा। राज्य सरकार ने इस बार रायपुर जिले में 487 करोड़ के राजस्व का टारगेट दिया था। पिछले साल यानी जनवरी से दिसंबर तक 333 करोड़ की रजिस्ट्री हुई थी। इसमें जनवरी से मार्च तक 92 करोड़ की रजिस्ट्री हुई थी। मार्च, अप्रैल, मई में लॉकडाउन की वजह से कारोबार लगभग ठप रहा।

इसके जून-जुलाई से रजिस्ट्री शुरू हुई, लेकिन ज्यादा नहीं। वैक्सीन की खबरों ने रियल एस्टेट कारोबार में जोश भरना शुरू किया और अब खरीदी-बिक्री तेज होने लगी है। सिर्फ जनवरी में रायपुर नगर निगम सीमा के भीतर 46 करोड़ रुपए और फरवरी में 48 करोड़ रुपए से ज्यादा की रजिस्ट्री हुई है। इसमें तिल्दा, अभनपुर, धरसींवा में हुई रजिस्ट्री का आंकड़ा जोड़ने पर रकम 50 करोड़ रुपए से ऊपर है। इसीलिए माना जा रहा है कि इस साल रजिस्ट्री का लक्ष्य लगभग पूरा हो जाएगा।

अब रजिस्ट्री करवानेवालों की संख्या भी बढ़ रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी और फरवरी में औसतन एक-एक हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्री करवाई है। राजधानी में अनलॉक के बाद हर माह बढ़ रही रजिस्ट्री रायपुर पंजीयन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर में रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या हर महीने बढ़ रही है। जनवरी में 4329 दस्तावेज पंजीकृत हुए तो फरवरी में इसकी संख्या बढ़कर 4562 हो गई। मार्च में यह संख्या 7000 के पार होने की उम्मीद है।

हालांकि पिछले साल दस्तावेजों की संख्या में खास बढ़ोतरी नहीं हो रही है। ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट की वजह से भी रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या सीमित थी। अब सभी तरह की रजिस्ट्री होने की वजह से और अप्रैल में संपत्तियों की कीमत बढ़ न जाए यह सोचकर भी लोग लगातार रजिस्ट्री करवा रहे हैं।

कोरोना काल से अब तक रजिस्ट्री के आंकड़ों को ऐसे समझें| कोरोना से पहले यानी जनवरी-फरवरी में रियल एस्टेट का कारोबार धीमा था। जनवरी 2020 में 32 करोड़, फरवरी 2020 में 40 करोड़ की रजिस्ट्री हुई। रायपुर में 19 मार्च से लॉकडाउन लगने तक केवल 22 करोड़ की रजिस्ट्री हुई। इसके बाद मार्च की अंतिम दहाई और अप्रैल में रजिस्ट्री दफ्तर बंद रहा। इस दौरान राजस्व जीरो रहा। 13 मई 2021 से दफ्तर में कामकाज दोबारा शुरू हुआ, लेकिन मकान-जमीन की खरीदी-बिक्री का काम ठप रहा।

इसलिए बाकी महीने में केवल 11 करोड़ की रजिस्ट्री हुई। जून में जमीन के काम में थोड़ी तेजी आई इस महीने 33 करोड़ की रजिस्ट्री हुई। जुलाई में कोरोना केस बढ़ने की वजह यह आंकड़ा फिर कम होकर 30 करोड़ हो गया। अगस्त में भी यही स्थिति रही और रजिस्ट्री केवल 24 करोड़ की हुई। दिसंबर में रायपुर में स्थिति सामान होने लगी और इसी महीने से रजिस्ट्री का आंकड़ा बढ़कर 50 करोड़ हो गया। इसके बाद जनवरी और फरवरी में भी जिलेभर में रजिस्ट्री का आंकड़ा हर महीने 50 करोड़ पार करने लगा।

इस माह सबसे ज्यादा
^पिछले साल कोरोना और लॉकडाउन की वजह से रजिस्ट्री औसत से आधी थी। अब हर महीने संख्या बढ़ रही है। मार्च में आंकड़ा और बढ़ेगा।
-मंजूषा मिश्रा, चीफ सब रजिस्ट्रार

सबको चाहिए अच्छा घर
^कोरोना में काम करने के तरीके और वर्क फ्राम होम से सोच बदली है। जरूरत के अनुसार मकान बनाने प्लॉट में भी जमकर निवेश हो रहा है।
-आनंद सिंघानिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष क्रेडाई

मकानों की जरूरत
^कोरोना-लॉकडाउन में लोगों को खुद के घर की जरूरत सबसे ज्यादा महसूस हुई। स्थिति सामान्य होते ही रियल एस्टेट में निवेश इसीलिए बढ़ा।
-रवि फतनानी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ क्रेडाई

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