Saturday, April 27, 2024
HomeUncategorizedकोरबा: पाली को मिलेगी पिछड़ेपन से निजात, सरकार ने दी एसडीएम कार्यालय...

कोरबा: पाली को मिलेगी पिछड़ेपन से निजात, सरकार ने दी एसडीएम कार्यालय की सौगात…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पाली में एसडीएम कार्यालय की शुरुआत कराते हुए इस क्षेत्र में भी विकास की उम्मीद जगाई है, लेकिन अब भी प्रशासन के मैदानी अमले के भीतर सालों से पिछड़े पाली को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का जज्बा नहीं आएगा, तब तक पाली वैसा ही रहेगा, जैसा पहले था।

कोरबा : पाली को मिलेगी पिछड़ेपन से निजात, सरकार ने दी एसडीएम कार्यालय की सौगात

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरबा जिले के पाली तहसील को पृथक अनुभाग के रूप में सौगात दे दी है। आज पाली में एसडीएम कार्यालय की शुरुआत भी हो गई। कोरबा कलेक्टर किरण कौशल ने अरूण कुमार खलखो पाली के पहले एसडीएम होंगे। यह ऐतिहासिक उपलब्धि अब हमेशा अरूण कुमार खलखों के नाम रहेगी। दरअसल, पाली एक ऐतिहासिक स्थान है, लेकिन भौगोलिक रूप में बड़े दायरे में फैले पाली क्षेत्र का समुचित विकास अब तक नहीं हो पाया। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय तो पाली खासा उपेक्षित था ही, छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद भी पाली क्षेत्र कोई खास तवज्जो नहीं मिली। पाली पहले बिलासपुर जिले में ही था, लेकिन कोरबा को पृथक जिला बनाया गया, तो पाली कोरबा जिले के हिस्से में आ गया। बिलासपुर से सरगुजा संभाग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर स्थित होने के बावजूद पाली शहर का भी अधिक विकास नहीं हुआ, न ही पाली अंचल के गांवों का। ऐसा भी नहीं है, कि इस क्षेत्र को नेतृत्व नहीं मिला। दिलीप सिंह जुदेव, मनहरण लाल पांडेय, डॉ. चरणदास महंत, बोधराम कंवर, हीरा सिंह मरकाम, डॉ. बंशी लाल महतो, राम दयाल उइके जैसे नेताओं को इस क्षेत्र की जनता ने जिताया, लेकिन विकास की हालत यहां ऐसी है कि आज भी पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत बतरा में कई गांवों में सड़क पहुंची है न बिजली। इस क्षेत्र के ढोढ़ीपारा, बतरा, भदरापारा, खुंटापारा, धौराडोंगरी, बिजराभौना, कर्रा नवापारा, नगराही पारा, लहरापारा, झोरखी पारा, मड़वामउहा, सोनसरी, मुड़ाभाठा तमाम ऐसे गांव हैं, जहां तक अच्छी सड़क नहीं पहुंच पाई। आज भी पहाड़ियों पर बसे जेमरा, बगदरा, जमनीपानी, हरदीबारी आदि के बाशिंदे अपने हिस्से का विकास देखने को तरस रहे हैं। पाली क्षेत्र मूलत: कृषि प्रधान अंचल है। ग्राम पंचायत बतरा तो लगभग सौ फीसदी कृषि प्रधान ही, बावजूद यहां खारंग जलाशय बनाने की मांग पिछले लगभग 30 सालों से लंबित है। कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजूद सिंचाई की समुचित व्यवस्था का अभाव इस क्षेत्र के किसानों को हताश करता है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पाली में एसडीएम कार्यालय की शुरुआत कराते हुए इस क्षेत्र में भी विकास की उम्मीद जगाई है, लेकिन अब भी प्रशासन के मैदानी अमले के भीतर सालों से पिछड़े पाली को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का जज्बा नहीं आएगा, तब तक पाली वैसा ही रहेगा, जैसा पहले था।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular