Saturday, May 18, 2024
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BCC News 24: ऑनलाइन गेम ने दो भाइयों को किया ‘लापता’, मोबाइल फोन के चक्कर में पड़ गए लेने के देने

ऑनलाइन गेम के चक्कर में दो बच्चे घर छोड़ करीब 16 घंटों तक लापता रहे. पुलिस की काफी मशक्कत के बाद दोनों को कुछ घंटों में ढूंढकर परिवार को सौंप दिया गया.

  • बच्चों के लिए मोबाइल खतरनाक.
  • ऑनलाइन गेम के चक्कर में छोड़ा घर.
  • 16 घंटों तक रहे लापता.

नई दिल्ली: अगर आपका बच्चा भी ऑनलाइन गेम खेलता है या आपके बच्चे का ज्यादा समय मोबाइल पर बीतता है या आपसे दूरी बनाकर रखता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है नहीं तो ये लत न सिर्फ आप पर भारी पड़ सकती है बल्कि आपके बच्चे को भी बर्बाद कर सकती है.

ऑनलाइन गेम के चक्कर में हुए लापता

साहिबाबाद के शालीमार गार्डन में रहने वाले दो भाई जो कि महज 12 साल और 9 साल के हैं, ऑनलाइन गेम (Online Game) के चक्कर में घर छोड़ करीब 16 घंटों तक लापता (Missing) रहे. बता दें कि पुलिस (Police) और एनजीओ (NGO) की मदद से इन दोनों बच्चों को पुलिस ने सकुशल बरामद किया. ऑनलाइन गेम की ऐसी लत पड़ी की बच्चे घर से 30 हजार रुपये लेकर फरार हो गए.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल 12 साल का मोहित अपने माता-पिता के साथ शालीमार गार्डन एक्सटेंशन 1 में रहता है. मोहित 7वीं क्लास में पढ़ता है. लॉकडाउन (Lockdown) में जब स्कूल ने ऑनलाइन क्लास (Online Class) शुरू की तो मजबूरन परिवार ने क्लास करने के लिए अपना फोन दिया. इस दौरान मोहित ने अपने दोस्तों के साथ मोबाइल पर गेम देखना शुरू किया. जिसके बाद दोस्तों ने उसकी आईडी (ID) बना दी.

ऑनलाइन गेम की लगी लत

आईडी बनने के बाद अपने फोन पर मोहित ने पबजी (PUBG) खेलना शुरू कर दिया. आपको बता दें कि जैसे जैसे गेम में आगे के स्टेप पार होते हैं वैसे वैसे गेम में पैसे भी डालने पड़ते हैं. लेकिन मोहित को घर से पैसे नहीं मिलते थे इसलिए वो कभी अपने पापा के जेब से तो कभी अपनी मम्मी के पर्स से पैसे निकाल लेता था. पबजी बंद होने के बाद उसने फ्री फायर (Free Fire) खेलना शुरू किया. मोहित गेम खेलते रहने के लिए टॉप अप लिया करता था. 

मोबाइल फोन की अक्सर जरूरत पड़ती थी

हर वक्त मोबाइल फोन नहीं रहने के चलते उसे फोन की काफी जरूरत थी. गेम खेलने के दौरान मोहित का 7 साल का मौसेरा भाई उत्सव भी उसके साथ होता था. मोहित 30 दिसंबर को अपने घर से 30 हजार रुपये लेकर उस्तव के साथ निकल गया. दिलशाद गार्डन मेट्रो से होते हुए कश्मीरी गेट पार कर वो नोएडा (Noida) आ गया. जिसके बाद किसी से मदद लेकर उसने 18 हजार का मोबाइल फोन (Mobile Phone), स्मार्ट वॉच (Smart Watch) और हेड फोन (Head Phone) खरीद लिया.

परिवार वाले हुए परेशान

दोनों बच्चे इतने स्मार्ट थे कि फोन को बिना सिम के ही वाईफाई (Wi-Fi) के जरिये कनेक्ट कर गेम खेलने लगे. इस दौरान परिवार वोलों ने परेशान होकर पुलिस के पास गुमशुदगी (Missing) की रिपोर्ट लिखवाई. गाजियाबाद पुलिस बच्चों को ढूंढने में मुस्तैदी से लग गई. उधर मोहित और उत्सव इस सब से अंजान घूम रहे थे.

पुलिस बच्चों को ढूंढने में हुई कामयाब

देर शाम दोनों भाई दिलशाद गार्डन पहुंचे लेकिन पिटाई होने के डर से घर नहीं गए और एक पार्क में पूरी रात रुके रहे. कुछ समय बाद पुलिस ने इन्हें ढूंढ निकाला और परिवार के हवाले कर दिया. बता दें कि मनोवैज्ञानिक (Psychologist) भी मानते हैं कि माता-पिता को बच्चों का ख्याल रखना चाहिए और उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए.

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