कोरबा (BCC NEWS 24): लोक कलाओं व लोक परंपराओं में छत्तीसगढ़ की अपनी एक अलग सांस्कृतिक छवि व विरासत है। यहॉ के नृत्य पंथी, राऊत नाचा, सुवा कर्मा व ददरिया आदि विश्व स्तर पर पहचान बना रहे हैं। उक्त कथन राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बलगी में आयोजित मड़ई मेला के राऊत नाचा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित किया। उन्होने आगे कहा कि राऊत नाचा को आज भी छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल में खास पर्व के रूप में मनाया जाता है।
विशिष्ट अतिथि सभापति श्याम सुंदर सोनी ने राऊत नाचा पर्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नृत्य के दौरान सामाजिक संदेश और भक्ति के दोहों के साथ नृत्य दल अपनी नृत्य व शस्त्रकला का प्रदर्शन करते हैं। रंग बिरंगे कपड़े पर कौड़ियों से बनी हुई जैकेट और चमकदार टोपियॉं इस नृत्य में आमतौर पर ढोल, टिमकी, मंजीरा, नगाड़ा, घुघरू, झांझ, मोहरी जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग देखने लायक होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नत्थुराम यादव ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की इस धरोहर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। इस नृत्य में आमतौर पर कबीर के दोहे, निंदा फार्जली के दोहे व छत्तीसगढ़ी भाषा के दोहे व गीत गाये जाते हैं, बदलते परिवेश में हंसी-ठिठोली करते प्रस्तुती दी जाने लगी है। नृत्य के अंत में नृत्य दल के कलाकार लाठी चालन के साथ शौर्य का प्रदर्शन करते हैं जो देखने लायक होता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान साधाकृष्ण के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत् पूजा अर्चना किया गया। राउत नाचा महोत्सव के अवसर पर मुख्यअतिथि जयसिंह अग्रवाल तथा विशिष्ट अतिथि श्याम सुंदर सोनी, संतोष राठौर, नत्थुराम यादव आदि ने भी नृत्य दल के साथ नृत्य का आनंद लिया।
कार्यक्रम को पार्षद व एमआईसी सदस्य संतोष राठौर, मस्तुल कंवर, पुनीराम यादव, रामरतन यादव, कृपाल यादव, हीरालाल यादव, बुधवार साय यादव, केदार यादव, रिखीराम यादव व पुरूषोत्तम यादव आदि ने भी संबोधित किया। आयोजन में यादव समाज के पदाधिकारी एवं बलगीवासी भारी संख्या में उपस्थित थे।