कांकेर: चारामा रेंज के भैंसा कन्हार और पलेवा इलाके के बाद अब तेंदुए नरहरपुर रेंज के ग्राम बनसागर में आतंक मचा रहे हैं। 13 और 14 अक्टूबर की रात तो तेंदुए ने आतंक की सारी सीमाएं पार कर दीं। रात को बनसागर के खेत के बीच बने घर में तेंदुआ छप्पर फाड़कर घूस आया और वहां सो रही महिला को उठा ले गया। बाहर जाने का रास्ता नहीं मिला तो उसने दरवाजा ही तोड़ डाला। 14 अक्टूबर की सुबह रोज की तरह जब महिला का बेटा पहुंचा तो वहां जगह-जगह खून बिखरे पड़े थे और किसी वजनी चीज को घसीटे जाने के गहरे निशान दिख रहे थे।
बाद में जब ग्रामीणों ने महिला की तलाश पास की पहाड़ी और जंगल में की तो उसकी लाश टुकड़ों में मिली। सिर झाड़ियों के बीच पड़ा था तो धड़ और शरीर के बाकी हिस्से पहाड़ी के दो पत्थरों के बीच पड़े थे। इस घटना ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। सप्ताहभर पहले ही 7 अक्टूबर को इसी पहाड़ी के दूसरे छोर पर बनसागर की ही एक युवती का कंकाल मिला था। वहां युवती को किसी जंगली जानवर द्वारा खाए जाने के निशान पाए गए थे।
महिला परमिला सिन्हा 55 वर्ष निवासी बनसागर अपने घर से दो किमी दूर रिसेवाड़ा स्थित खेत में बने कच्चे मकान में रहती थी। उसका पुत्र व परिवार बनसागर में रहता है। पुत्र लखनराम ने बताया कि वह 14 अक्टूबर की सुबह राेज की तरह खेत गया तो मकान का दरवाजा टूटा हुआ था। जगह-जगह खून व किसी चीज के घसीटने के निशान थे।
कमरे में जाकर देखा तो वहां भी खून पड़ा था। वह समझ गया कि मां को जंगली जानवर उठा ले गया है। उसने इसकी जानकारी परिजनों व ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों ने आसपास महिला की तलाश शुरू की। लाश मकान से कुछ दूर पहाड़ी जंगल में क्षतविक्षत हालत में मिली। महिला को घसीटने से उसके कपड़े भी फट गए थे। शरीर पर जंगली जानवर के दांत व पंजे के निशान दिख रहे हैं।
लकड़ी लेने जंगल गई युवती हो गई थी लापता
7 अक्टूबर को इसी पहाड़ी के दूसरे छोर पर युवती ईश्वरी सलाम निवासी बनसागर का कंकाल मिला था। उसके कपड़े देख कर उसकी पहचान हुई। 1 अक्टूबर को लकड़ी लेने जंगल गई थी। इसके बाद से वह लापता हो गई।
गांव से मुर्गा, बछड़ा भी ले जा चुका है तेंदुआ
बनसागर में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेंदुआ भोजन की तलाश में आ रहा है। इससे पहले वह गांव में मुर्गा, बछड़ा व बकरा भी ले गया है। अब वह ग्रामीणों पर हमला कर रहा है। ग्रामीणों ने तत्काल मवेशियों का मुआवजा देने की मांग की है।
कई दिनों से बनसागर में भालू का भी है आतंक
गांव में भालू का काफी आंतक है। दिनदहाड़े भालू गांव के आसपास भटकता रहता है। शाम होते ही बस्ती में घुस आता है। कई बार वह घरों में घुस कर तोड़फोड़ करता है। तेल आदि भी पी जाता है। भोजन की तलाश में काफी नुकसान पहुंचाता है।
15 साल पहले भालुओं ने ली थी 3 ग्रामीणों की जान
बनसागर के निकट 2006 में खेत में काम कर रहे ग्रामीणों पर अचानक एक भालू ने हमला कर दिया था। हादसे में तीन ग्रामीणों शिवलाल िसन्हा व कृष्णा परटोडी दोनों निवासी बनसागर तथा रतन मंडावी निवासी भर्रीटोला की मौत हो गई थी।
आदमखोर इतने कि जिले में अब तक 6 लोगों की जान ले चुके हैं तेंदुए
- 12 दिसंबर 2017– कांकेर से 8 किमी दूर खमडोढ़गी में 65 वर्षीय वृद्ध महिला शन्नो हिचामी पर हमलाकर उसे खाया। उसका एक पैर, रीढ़ की हड्डी व दोनों हाथ ही मिले।
- 22 दिसंबर 2017 – कोरर के बांसकुंड जंगल में महिला दुकली टेकाम 63 वर्ष निवासी तेलम्मा पर हमला कर उसे खाया। शव के दोनों हाथ व पैर ही मिले थे।
- 20 अगस्त 2021- चारामा के पलेवा में घर में कमरे में सो रहे गाड़ाराम जुर्री 70 वर्ष को तेंदुआ उठा कर ले गया। शोर मचाने पर वह लाश छोड़ भागा।
- 7 सितंबर 2021- भैंसाकट्टा में महिला उर्मिला जैन 35 को उठा कर ले गया। घर के बाहर झाड़ियों में क्षतविक्षत लाश मिली।
- 1 अक्टूबर 2021– बनसागर में जंगल गई युवती ईश्वरी सलाम 33 पर हमला। 7 अक्टूबर को पहाड़ी में मिला कंकाल।
- 13 अक्टूबर 2021- रिसेवाड़ा के खेत मकान में सो रही परमिला सिन्हा 55 वर्ष को तेंदुआ उठा ले गया। पहाड़ी पर मिली लाश।
तेंदुए को पकड़ने के लिए चलाया जाएगा अभियान
रेंजर कैलाश ठाकुर ने बताया कि बनसागर में ग्रामीण पर हुए हमले के बाद वन विभाग द्वारा तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही कैमरे व पिंजरा लगाया जाएगा।