*सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मदद के लिए पत्र लिखकर कहा कि पर्याप्त मात्रा में जूट बारदाना समय पर उपलब्ध नहीं कराया गया तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है।
रायपुर: प्रदेश के मुद्दों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से समय नहीं मिलने की वजह से केंद्र के साथ शुरू हुआ विवाद मंगलवार को नए मोड़ पर पहुंच गया। सीएम भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव और कृषिमंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्र सरकार से राज्य की जरूरत बताते हुए अपनी मांगें रखीं। छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हो रही है। इससे पहले ही सरकार के सामने बारदाना की किल्लत आ गई है।
इसे देखते हुए सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मदद के लिए पत्र लिखकर कहा कि पर्याप्त मात्रा में जूट बारदाना समय पर उपलब्ध नहीं कराया गया तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो अपने सभी मंत्रियों के साथ पीएम से मिलने भी जाएंगे। पत्र में सीएम भूपेश ने कहा कि खाद्य विभाग के 12 नवंबर को जारी प्लान के अनुसार छत्तीसगढ़ को 2 लाख 14 हजार गठान नए बारदाने केंद्रीय जूट कमिश्नर, कोलकाता के माध्यम से खरीदने की अनुमति मिली है। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ को अभी तक केवल 86 हजार 856 गठान नए जूट बारदाने मिल पाए हैं। जबकि राज्य को 5 लाख 25 हजार गठान बारदाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि समय से शतप्रतिशत बारदानों की आपूर्ति नहीं होती तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है। इसलिए जल्द आपूर्ति के लिए जूट कमिश्नर को निर्देशित किया जाए।
कोरोना के बूस्टर डोज पर जल्दी स्थिति स्पष्ट करे केंद्र : सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को भेजे पत्र में कहा कि कोरोना के नियंत्रण के लिए वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर स्थिति साफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि अधिकांश एक्सपर्ट की राय है कि कोरोना वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी का असर छह से नौ माह के भीतर खत्म हो रहा है। देश विदेश के एक्सपर्ट इस बात को प्रमाणित भी कर रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि कुछ मामलों में सुरक्षा का स्तर बना रहता है, इसके बाद भी बूस्टर डोज की जरूरत महसूस हो रही है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द बूस्टर डोज लगाने के लिए एक स्पष्ट दिशा नीति बनाए।
टीएस सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि दुनिया के अधिकांश देशों में कोरोना की तीसरी और चौथी लहर का असर देखा जा रहा है, साथ ही कई देश नागरिकों को बूस्टर डोज भी लगा रहे हैं। इसको देखते हुए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, फ्रंट लाइन वर्कर, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले नागरिक फ्रंट लाईन और 60 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए बूस्टर डोज लागू करने का वक्त आ गया है। सिंहदेव ने मण्डाविया से कहा है कि नागरिकों को बूस्टर डोज लगाने की व्यवस्था जल्द से जल्द लागू की जाए।
रबी की बुआई तेज लेकिन केंद्र से अब तक खाद नहीं : चौबे
कृषिमंत्री रविंद्र चौबे ने वीडियो कांफ्रेंसिग में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से कहा कि रबी सीजन के लिए उर्वरकों की कमी होने की आशंका है। क्योंकि राज्य को उसकी जरुरत के मुताबिक आपूर्ति नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ में अब तक रबी की 4 लाख 78 हजार हेक्टेयर में फसलों की बुआई हो चुकी है। ग्रीष्मकालीन धान के बदले 2 लाख 54 हजार हेक्टेयर रकबे में दलहनी-तिलहनी, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे देखते हुए राज्य को नवम्बर में डीएपी उर्वरक की दो रेक तथा एनपीके उर्वरक की एक रेक की जरुरत है।
इस पर केन्द्रीय मंत्री ने मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि रबी सीजन के लिए छत्तीसगढ़ को 4 लाख 11 हजार टन उर्वरक की जरूरत है। इसके विरूद्ध अक्टूबर में 60 हजार मेट्रिक टन के विरूद्ध मात्र 20.27 टन एवं नवम्बर में 45 हजार टन के विरूद्ध 9 हजार 355 टन उर्वरक ही राज्य को मिला है। डीएपी उर्वरक अक्टूबर में 10 हजार मेट्रिक टन की आपूर्ति के बदले मात्र 5 हजार 681 टन तथा नवम्बर में 10 हजार टन के विरूद्ध मात्र 1651 टन डीएपी उर्वरक प्राप्त हुआ है, जो नाकाफी है।