राजस्थान के चूरू में टीचर की पिटाई से 7th क्लास के बच्चे की मौत से कई सवाल खड़े हो गए हैं। बच्चे को केवल होमवर्क न करने की इतनी बड़ी सजा? मौत के बाद बच्चे के गांव सालासर थाना क्षेत्र के कोलासर में सन्नाटा पसरा हुआ है। स्कूल में पढ़ने वाले दूसरे बच्चों के माता-पिता भी डरे हुए हैं। आसपास के लोगों ने बच्चे के घर जाकर परिवार को संभाला। माता-पिता और एक बड़ा भाई और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। गणेश के हंसमुख स्वभाव और नटखट भरी शरारतों को याद करके परिवार रोता जा रहा हैं।
मां-पिता, बहन-भाई सबका रो-रोकर बुरा हाल
पिता ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि बेटे गणेश को लहूलुहान हालत में देखकर कांप गया। बांहों में लेकर उसे कलेजे से लगाया। मगर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रोते-रोते पिता ने कहा कि मेरा हंसता खेलता बच्चा ऐसे जुदा हो जाएगा, सोचा नहीं था। सुबह उसकी मां राजू देवी ने उसे तैयार करके स्कूल भेजा था। साथ में लंच बॉक्स भी दिया था और कहा था पूरा खाना खाकर आना। पिता ने कहा कि उसकी मां बार-बार गणेश को लेकर आने को कह रही है। उसके भाई-बहन उसकी याद में रोते जा रहे है।
अस्पताल में रोते हुए बच्चे का पिता।
टीचर ने बेरहमी से मारा
पिता ने रोते हुए कहा कि 13 साल के मेरे बच्चे को टीचर ने बड़ी बेरहमी से मारा। बच्चे के आंख, मुंह, सिर पर चोट के निशान थे। होमवर्क न करने की ऐसी सजा, न कभी देखी ना सुनीं। पिता ने बताया कि वह खेतीबाड़ी करता है। मगर बच्चों को पढ़ा-लिखाकर कुछ बनाना चाहता था। मगर स्कूल भेजने की सजा बेटे की मौत से मिल गई।
पिता बोला- काश स्कूल नहीं भेजता
पिता ओमप्रकाश ने बताया कि मॉर्डन पब्लिक स्कूल में आरटीआई में बेटे का एडमिशन करवाया था। कोरोना के कारण स्कूल बंद थे। एक महीने से ही स्कूल खुलने पर गणेश ने जाना शुरू किया था। बड़ा बेटा विनोद ने भी कक्षा छह तक इस स्कूल में पढ़ाई की थी। इसके बाद गांव की सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने लगा था। पिता ने कहा कि काश छोटे बेटे का भी स्कूल बदलवा देता तो,बेटा आज साथ होता। शिक्षा मंत्री ने स्कूल की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं। पिता ने हत्यारे टीचर को सजा देने की मांग की।