महाराष्ट्र: पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट ने शुक्रवार को रंगदारी मांगने के आरोप में 6 लोगों को अरेस्ट किया है। इन लोगों ने फेक कॉल ऐप के जरिए महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजीत पवार के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया और एक बिल्डर से 20 लाख रुपए की रंगदारी वसूल लिए। सभी आरोपियों को शुक्रवार सुबह शिवाजीनगर कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने इन्हें 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
बिल्डर को ऐसे लगाया 20 लाख का चूना
आरोपियों ने गूगल प्ले स्टोर से ‘फेक कॉल ऐप’ डाउनलोड किया था। इस ऐप के माध्यम से उन्होंने बिल्डर को फोन किया तो उसकी मोबाइल स्क्रीन पर डिप्टी CM अजित पवार का मोबाइल नंबर आया। उन्होंने खुद को डिप्टी CM का पीए चौगले बताया और एक प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की धमकी देते हुए 20 लाख रुपए की डिमांड रखी। बिल्डर भी उनके झांसे में आ गया और उसने तय जगह पर जाकर आरोपियों को 20 लाख रुपए कैश दे दिए। आरोपियों ने एक जमीन के विवाद में बिल्डर को पीछे हटने की धमकी भी दी थी। इसी से बिल्डर को उन पर शक हुआ और मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंचा।
पहले जान लीजिए Fake Call app क्या है ?
- जब हम किसी को कॉल करते है तो उसके मोबाइल में हमारा मोबाइल नंबर दिखता है, लेकिन अगर आप Fake Call ऐप से काल करेंगे तो उसे आपकी तरफ से दर्ज कराया फर्जी या किसी दूसरे का मोबाइल नंबर ही नजर आएगा
- फेक कॉल में सामने वाले को यह पता नहीं चलता है कि किसने कॉल किया है। अगर आप अपने मोबाइल नंबर को 000000 बना दे तो सामने वाले को यही नंबर रिफ्लेक्ट होगा।
- कुछ फेक आईडी कॉल में हम अपनी आवाज को पुरुष या महिला की आवाज में भी बदल सकते है।
- ऐसी ऐप बनाने वाले ज्यादातर लोग इसे एक प्रेंक कॉल ऐप करके गूगल प्ले स्टोर पर लिस्टेड करवाते हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग आसानी से किया जा सकता है।
- पिछले कुछ महीनों में गूगल ने ऐसे कई फेक कॉल ऐप को प्ले स्टोर से बैन भी किया है।
कई लोगों के इस खेल में शामिल होने का संदेह
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 लाख रुपए बरामद किए हैं। माना जा रहा है कि आरोपियों ने दो लाख रुपए खर्च कर दिए हैं। पुलिस को संदेह है कि आरोपियों ने ऐप के माध्यम से कुछ और लोगों से भी वसूली की है। सभी आरोपियों के खिलाफ पुणे के बंदगार्डन पुलिस स्टेशन में IPC384, 386, 506 और 34 आईटी एक्ट की धारा 66 (सी) और (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजीत पवार, इनका ही नंबर डालकर आरोपियों ने ऐप की मदद से बिल्डर को फोन किया था।
इन 6 आरोपियों को पुलिस ने किया है गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नवनाथ भाऊसाहेब चोरमाले, सौरभ नारायण काकड़े, सुनील उर्फ बाला गौतम वाघमारे, किरण रामभाऊ काकड़े, आकाश शरद निखलजे और चैतन्य राजेंद्र वाघमारे के रूप में हुई है।
ऐसे पता कर सकते हैं फेक कॉल का
पुणे पुलिस के साइबर एक्सपर्ट और डीसीपी संभाजी कदम बताया कि आमतौर पर ऐसे नंबर ‘ट्रू कॉलर’ और ‘गूगल डायलर’ में स्पैम कॉल या फेक कॉल लिखा हुआ नजर आता है। इसे आसानी से देखकर हम पता लगा सकते हैं कि नंबर असली है या नकली। इसके अलावा अगर आप बात कर रहे हैं तो भी सामने वाले की बात से इसका अंदाजा लगा सकते हैं।