महाराष्ट्र: पुणे में एक बेहद हैरान करने वाली घटना हुई है। सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ रही सरकारी बस के ड्राइवर को अचानक मिर्गी का दौरा पड़ गया और वह ड्राइविंग सीट से गिर पड़ा। बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरने लगी तो उसमें यात्रा कर रही एक महिला ने गजब का साहस दिखाकर 24 यात्रियों की जान बचा ली। महिला ने फुर्ती दिखाते हुए बस की स्टेयरिंग संभाली और उसे चलाते हुए बड़ी दुर्घटना होने से बचा ली। महिला के इस साहसी काम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में वे बस चलाती हुई नजर आ रहीं हैं।
बहादुरी का यह कारनामा पुणे की रहने वाली योगिता धर्मेंद्र सातव ने किया है। 42 साल की योगिता ने न सिर्फ बस को 10 किलोमीटर चलाकर उसमें सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाया, बल्कि बस के ड्राइवर को इलाज के लिए एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया।
कार चलाना जानती थी, पहले कभी नहीं चलाई थी बस
योगिता ने बताया कि मैं कार चलाना जानती थी, लेकिन मैंने पहले कभी बस नहीं चलाई थी। ड्राइवर और अन्य यात्रियों की जान खतरे में देखकर मैंने बस चलाने का डिसिजन लिया। इसके बाद ड्राइवर को साइड में किया और फिर बस का स्टेयरिंग संभाल लिया। सबसे पहले ड्राइवर को इलाज की जरूरत थी। उसे पास के गांव के हॉस्पिटल में भर्ती कराया और फिर अन्य साथी महिला यात्रियों को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाया।
ड्राइवर को सही समय पर हॉस्पिटल पहुंचाया
जानकारी के अनुसार, पुणे के वाघोली की 23 महिलाओं का ग्रुप 7 जनवरी को शिरूर तालुका के मोराची चिंचोली में घूमने के लिए गया था। तभी अचानक यह घटना हुई। इसी दौरान ड्राइवर को मिर्गी का दौरा आया और वह गिर पड़ा। बस में सवाल महिलाओं और उनके साथ मौजूद बच्चों ने डरकर चीखना और रोना शुरू कर दिया। तभी योगिता ने बस का स्टेयरिंग संभाल लिया और उसे चलाते हुए अगले गांव तक लेकर आईं।
यहीं एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ड्राइवर का इलाज किया गया। फिलहाल उसकी हालत ठीक है और डॉक्टर्स का कहना है कि उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। संकट की घड़ी में योगिता ने बस की कमान संभालकर जिस तरह ड्राइवर और दूसरी महिलाओं की जान बचाई, उसकी चारों ओर तारीफ हो रही है।
योगिता के गांव की पूर्व सरपंच ने उनके घर जाकर उन्हें सम्मानित किया है।
योगिता को किया गया सम्मानित
योगिता ने बताया कि उसने 10 किलोमीटर तक बस चलाकर इसमें सवार सभी लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। वाघोली गांव की पूर्व सरपंच जयश्री सातव पाटिल ने अपनी सहयोगी और पिकनिक की आयोजक आशा वाघमारे के साथ योगिता सातव के घर जाकर उसका सम्मान किया। जयश्री सातव ने कहा कि फोर व्हीलर बहुत सी महिलाएं चलाती हैं, लेकिन गंभीर परिस्थिति में बस चलाने का जो काम वाघोली की योगिता सातव ने किया है, वह वाकई हिम्मत का काम है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि समाज में महिलाएं किसी भी लेवल पर कमजोर नहीं है।