Monday, December 9, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाCG: बिलासपुर से बन सकते हैं 3 मंत्री... सीएम की रेस में...

CG: बिलासपुर से बन सकते हैं 3 मंत्री… सीएम की रेस में अरुण साव; अमर-धरम और धर्मजीत जैसे दिग्गजों को मंत्रिमंडल में मिल सकती है जगह

बिलासपुर: कांग्रेस सरकार के 5 साल के कार्यकाल में बिलासपुर को वो जगह नहीं मिल सकी, जो भाजपा सरकार के रहते मिली थी। यहां पहली बार विधायक बनने वाले शैलेष पांडेय पूरे 5 साल विपक्षी विधायक की भूमिका में रहे, तो वहीं तखतपुर विधायक को संसदीय सचिव पद से संतुष्ट करने की कोशिश की गई।

लेकिन, अब भाजपा सरकार के आते ही दिग्गज नेताओं के जीतने के बाद एक बार फिर से मंत्रिमंडल में बिलासपुर जिले का दबदबा होने की बात कही जा रही है।

अमर अग्रवाल चार बार विधायक और तीन बार मंत्री रह चुके हैं।

दरअसल, पिछले चुनाव में बिलासपुर से एक भी पुराने चेहरे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए, जिसकी वजह से जिले के विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई थी। लेकिन इस बाद सीन बदल गया है। कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली गई है और भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ वापसी हुई है। जिले से कई दिग्गज भाजपा नेता भी चुनाव जीत गए हैं। जाहिर है कि ऐसे में मंत्रिमंडल में उनकी जगह पक्की है।

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक भी सीनियर लीडर हैं और विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं।

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक भी सीनियर लीडर हैं और विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं।

अरुण साव, अमर, धरम के साथ ही धर्मजीत भी हैं सीनियर लीडर

बिलासपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के साथ पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक भाजपा के बड़े चेहरे हैं। उनके साथ ही कांग्रेस और जोगी कांग्रेस से भाजपा में आए धर्मजीत भी पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं। जाहिर है कि चारों बड़े नेता हैं और भाजपा संगठन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। समर्थकों को भी उम्मीद है कि इन सभी नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी।

बिलासपुर और मुंगेली के लिए होगा खास

छत्तीसगढ़ की राजनीति में अरुण साव नया ओबीसी चेहरा बनकर उभरे हैं। साल 2019 में उन्हें भाजपा ने टिकट देकर लोकसभा चुनाव लड़ाया, जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की। फिर आदिवासी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। उनके नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा और अब भाजपा की सरकार भी बन गई है। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अगर, बतौर मुख्यमंत्री अरुण साव का नाम फाइनल होता है, तो यह मुंगेली के साथ ही बिलासपुर के लिए खास होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि अरुण साव मूलत: मुंगेली जिले के रहने वाले हैं और लोरमी विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने हैं।

धर्मजीत सिंह भी सीनियर लीडर हैं और पांचवीं बार विधायक बने हैं। हालांकि, भाजपा में नए हैं।

धर्मजीत सिंह भी सीनियर लीडर हैं और पांचवीं बार विधायक बने हैं। हालांकि, भाजपा में नए हैं।

संघ और संगठन के संपर्क में हैं सभी नेता

चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भाजपा के सभी दिग्गजों की नजरें मंत्रिमंडल गठन पर है। इसके लिए नेता अपने-अपने संपर्क सूत्र के माध्यम से संघ और संगठन के बड़े नेताओं तक जुगाड़ लगा रहे हैं। दरअसल, प्रदेश के भाजपा नेताओं को यह पता है कि इस बार मंत्रिमंडल में उन्हें ही जगह मिलेगी, जो हाईकमान की पसंद का होगा। यही वजह है कि बिलासपुर जिले के नेता अपने डबल इंजन सरकार तक अप्रोच लगाने का प्रयास कर रहे हैं।




RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular