Saturday, May 18, 2024
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Chhattisgarh: भिलाई के युवक शिमला में चला रहे आन लाइन सट्टा.. ढाई लाख रुपए में किराए से लिया था पूरा होटल, छत्तीसगढ़ पुलिस ने छापेमारी कर तीन आरोपी किया गिरफ्तार

Durg: दुर्ग पुलिस ने फिर से ऑनलाइन सट्टा (online betting) की एक ब्रांच को पकड़ने में सफलता पाई है। पुलिस (Police) के मुताबिक भिलाई (Bhilai) के कुछ लड़के यहां से हिमाचल प्रदेश राज्य के शिमला (Shimla) में जाकर ब्रांच चला रहे थे। दुर्ग पुलिस ने टीम बनाकर वहां छापेमारी की और वहां से तीन लोगों को गिरफ्तार कर 2 लैपटॉप, 1 टेबलेट, 5 मोबाईल फोन, 3 एटीएम, 1 चेकबुक को जब्त किया है।

एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि पुलिस ने ईडब्ल्यूएस 1277 हाउसिंग बोर्ड जामुल निवासी निखिल मिश्रा (19 साल), सुंदर विहार कालोनी जामुल निवासी विवेक शास्त्री (2 साल) और कैंप 1 में 18 नंबर रोड पटेल डेयरी के सामने रहने वाले अमित सिंह (27 साल) को ऑन लाइन सट्टा चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस को इन लड़कों के बारे में महादेव आईडी के संबंध में जांच के दौरान जानकारी मिली। उन्हें 1 दिसंबर को मुखबिर से सूचना मिली की भिलाई के कुछ लड़के अपने पास लैपटाप, टैबलेट और मोबाईल फोन रखे हैं। उसमें ऑनलाइन सट्टा का एप डाउनलोड है। उससे वो लोग लोगों से सट्टा लगवा रहे हैं। पुलिस तुरंत एक टीम बनाकर अम्बेडकर गार्डन सेक्टर 1 पहुंची। वहां कुछ लोग गार्डन के एक किनारे में बैठे मिले। पुलिस ने उनसे पूछताछ उन्होंने अपना नाम निखिल मिश्रा, विवेक शास्त्री और अमित सिंह बताया। वो लोग ऑनलाइन सट्टे की आईडी देने के लिए ग्राहक तलाश रहे थे। इसके बाद पुलिस ने तीनों गिरफ्तार किया।

आरोपियों के अपने साथ लाती हुई पुलिस

आरोपियों के अपने साथ लाती हुई पुलिस

शिमला में चला रहे थे ब्रांच, ढाई लाख किराय में लिया था होटल
निखिल मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उसने अपने पिता शैलेंद्र मिश्रा की दुकान से रुपए चोरी किए। इसके बाद उससे एक लैपटॉप और सट्टे की आईडी खरीदी। इसके बाद वह अपने साथियों के साथ यहां से शिमला चला गया। वह लोग 19 अक्टूबर 2022 को हिमाचल प्रदेश के घनोटी जिला शिमला में पहुंचे। वहां उन्होंने 22 अक्टूबर से एक पूरे होटल को प्रतिमाह 2.50 लाख रुपये की दर से किराये में लिया। इसके बाद वहां अपने साथियों के साथ मिलकर ऑनलाईन सट्टा की ब्रांच शुरू किया।

5 लोगों का पैनल चला रहा था पूरा ब्रांच
निखिल ने बताया कि उनके पास महादेव आईडी मास्टर आईडी थी। उसमें से वह लोग 6 पैनल (साईट) चला रहे थे। पूरे ब्रांच को कुल 3 व्यक्तियों के द्वारा चलाया जा रहा था। ऑनलाईन सट्टा के नाम पर उन्होंने एक महीने में 30 लाख रुपए से अधिका का लेन-देन किया। इसके बाद उन्हें काम में नुकसान हुआ, जिससे वो लोग काम बंद करके वहां वापस भिलाई आ गए।

शुरू किया था आईडी बेचने का काम
यहां आने के बाद वो अपने दोस्त अमित सिंह से मिले। अमित ने उन्हें बताया कि वो ऑनलाइन सट्टे की आई को बिकाएंगे तो उन्हें एक ग्राहक पर 20 हजार रुपए का कमीशन मिलेगा। इसके बाद वो लोग ग्राहक तलाश करने लगे। उन लोगों ने नागपुर के एक व्यक्ति से 6 लाख रुपए में बेचने का सौदा किया था। इसके बाद वह उसे आईडी बेचते इससे पहले ही दुर्ग पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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