Wednesday, April 24, 2024
Homeछत्तीसगढ़समूह की महिलाओं के लिए गौठान बना आत्मनिर्भर बनने का जरिया....

समूह की महिलाओं के लिए गौठान बना आत्मनिर्भर बनने का जरिया….

सारंगढ़-बिलाईगढ़: राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजनान्तर्गत उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट खाद किसानों के लिए लाभप्रद है। जिले के किसान रासायनिक ऊर्वरक के बजाय वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करने लगे हैं, जिससे जैविक फसल उत्पादन को बढ़ावा मिला है और किसान परिवारों सहित अन्य लोगों को जैविक खाद का पौष्टिक चावल एवं साग-सब्जी सुलभ हो रहा है। जिले के बरमकेला स्थित सहजपाली गौठान में समूह की महिलाओं द्वारा उत्साहित होकर गौठान में वर्मी खाद बनाया जा रहा है एवं उसका उपयोग खेतों में किया जा रहा है। साथ ही साथ लगभग दो एकड़ की जमीन पर पत्तगोभी, टमाटर, भिंडी एवं अन्य सब्जियों की खेती सीजन सीजन में की जा रही है। गौठान के संचालक, गौठान समिति के सदस्य एवं समूह की‌ महिलाओं द्वारा तन्मयता से गौठान में नियत कार्य किए जा रहे हैं। उनके गोठान में जब सब्जी उत्पादन करते हैं तो बाजार से सब्जियाँ खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। वे खुद इन सब्जियों को गौठान में निर्मित वर्मी खाद से सिचिंत पोषित करती हैं। इसके अलावा गौठान में निर्मित मल्टी एक्टिविटी शेड में थैला(कैरी बैग) यूनिट का कार्य भी सुचारू रूप से किया जा रहा है, जिससे सीधे-सीधे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। गौठान समिति के सदस्य  महिलाएं काम करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। उनके आजीविका गोठान से जुड़ा है,  मन लगाकर वे अपना काम करती हैं। इसलिए गौठान में सभी चीजें सुचारू रूप से समय पर होती रहती हैं। निश्चित रूप से राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से गौठान की महिलाओं में पहले से कहीं अधिक आत्मविश्वास बढ़ा है और गौठान में कार्य करते हुए मिल रहे आर्थिक लाभ से उनके जीवन स्तर में भी सुधार आया है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक बदलाव दिखाई दे रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular