लंदन: भारतीय मूल के ऋषि सुनक आज ब्रिटेन के अगले PM चुने जा सकते हैं। शाम 6:30 बजे स्थिति साफ होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद बोरिस जॉनसन, ऋषि सुनक और पेनी मॉरडॉन्ट के नाम सामने आए थे। फिर, रविवार को जॉनसन के रेस से बाहर होने के बाद अब मुकाबला ऋषि सुनक और पेनी के बीच रह गया है।
ब्रिटेन की संसद में कंजर्वेटिव पार्टी के 357 सांसद हैं। यही सांसद ऑनलाइन वोटिंग करके पार्टी लीडर और प्रधानमंत्री चुनेंगे। चुनाव के नए नियम के मुताबिक, प्रधानमंत्री बनने के लिए 100 से ज्यादा सांसदों का समर्थन होना जरूरी है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनक को 185 सांसद सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं, पेनी मॉरडॉन्ट 25 सांसदों का समर्थन ही जुटा पाई हैं।
आगे क्या
28 अक्टूबर को ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री शपथ लेगा। इसके बाद 29 अक्टूबर को नई कैबिनेट का गठन होगा।
दो बड़े नेताओं के बारे में अपडेट
बोरिस जॉनसन : बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री रेस से नाम वापस लेने से पहले कहा था कि उनके पास 60 सांसदों का समर्थन है। फिर, ये कहते हुए नाम वापस लिया कि अगर संसद में पार्टी ही एकजुट नहीं होगी तो अच्छे से सरकार नहीं चलाई जा सकेगी। हम चुने गए PM का समर्थन करेंगे।
ऋषि सुनक : ऋषि सुनक ने कहा- बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्सिट और वैक्सीन रोल-आउट जैसे अहम फैसले लिए। उन्होंने सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने में देश की मदद की। हम उनके आभारी रहेंगे। उन्होंने फिर से पीएम चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि वो देश के लिए योगदान जारी रखेंगे।
22 अक्टूबर को मिले थे सुनक-जॉनसन, सहमति नहीं बनी ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनकी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके ऋषि सुनक ने 22 अक्टूबर देर रात नामांकन को लेकर बातचीत की थी। इसके बाद सुनक ने PM चुनाव लड़ने का ऐलान किया। जॉनसन ने उम्मीदवार पेनी मॉरडॉन्ट से भी बातचीत की थी, लेकिन आपसी सहमति नहीं बनी। इसके बाद उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया।
पेनी हो सकती हैं सुनक की नंबर-2
PM पद की रेस में सुनक के अलावा ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस की स्पीकर पेनी मॉरडॉन्ट हैं। पेनी मॉरडॉन्ट को सुनक का नंबर-2 माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेनी, सुनक के खेमे में जा सकती हैं। वैसे पेनी भी बतौर प्रधानमंत्री अपनी उम्मीदवारी को जोरशोर से रख रही हैं।
यदि पेनी 100 सांसदों का समर्थन हासिल नहीं कर पाईं तो सोमवार को यानी, आज ही सुनक प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
ऋषि नीति : समर्थक सांसदों को बढ़ाना, वोटिंग मेंबर तक न जाए
पिछला सबक
ट्रस से पिछले मुकाबले में सुनक ने कंजरवेटिंव पार्टी के स्थायी सदस्यों की वोटिंग से बड़ा सबक लिया है। वे इस बार मुकाबले को पार्टी सदस्यों की वोटिंग तक नहीं ले जाना चाहते हैं। सांसदों की वोटिंग में सुनक आगे रहे थे। पार्टी सदस्यों की वोटिंग में सुनक को 60,399 और ट्रस को 81,326 वोट मिले थे। सुनक खुद के 100 सांसद और प्रतिद्वंद्वी के 100 से कम रखने की रणनीति में हैं।
बैंकर की छवि
बतौर PM ट्रस के विफल रहने का सबसे बड़ा कारण आर्थिक मोर्चे पर विफल रहना था। सुनक प्रोफेशनल बैंकर रहे हैं। जॉनसन सरकार में भी वित्त मंत्री रह चुके हैं। उनके द्वारा जनता के सामने रखे गए ब्रिटेन के इकोनॉमिक बेल आउट प्लान को मिडिल क्लास ने खासा सराहा था। ऐसे में सुनक खुद को बैंकर राजनेता के रूप में प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
चुनाव का खतरा
बार-बार PM बदलने से सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की छवि खराब हो रही है। विपक्षी लेबर पार्टी की लोकप्रियता 25% बढ़ गई है। ब्रिटेन में नए चुनाव के लिए दो साल का समय है। सुनक खुद को लंबी रेस का घोड़ा बता कर पार्टी सांसदों को जल्द चुनाव का खतरा बता रहे हैं। सांसदों का भी मानना है कि यदि सुनक से स्थायित्व आता है तो उनकी सांसद के रूप में टर्म पूरा होगा।
आइए अब जानते हैं कि ऋषि सुनक कौन हैं?
- ऋषि सुनक के पेरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए।
- सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैंपशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया है।
- उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
- ऋषि भारतीय सॉफ़्टवेयर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति हैं। दोनों की 2 बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं। उनकी शादी साल 2009 में हुई थी।
- राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की।
- उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (MHS) में कार्यरत हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक हैं।
20 अक्टूबर को गिरी थी लिज सरकार
भारी दबाव का सामना कर रहीं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने आखिरकार 20 अक्टूबर को इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। हालांकि, वो अगला प्रधानमंत्री चुने जाने तक पद पर बनी रहेंगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने अपने सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर मीडिया से कहा- मैं जिन वादों के साथ सत्ता में आई थी, उन्हें पूरा नहीं कर सकी। इसका अफसोस है।